ब्यूरोक्रेसी में बदउनवानीयों का पता चलाने इक़दामात

मामूली सज़ा की सूरत में 10 फ़ीसद वज़ीफ़ा कटौती का जुर्माना आइद किया जाएगा, वज़ारती ग्रुप की रिपोर्ट
नई दिल्ली 11 सितंबर (पी टी आई) बद उनवान सरकारी मुलाज़मीन के ख़िलाफ़ सिर्फ़ कार्रवाई ही नहीं की जाएगी बल्कि वज़ीफ़ा के बाद उन को मिलने वाले वज़ीफ़ा में से 10 फ़ीसद कटौती की जाएगी। मामूली सज़ा की सूरत में वज़ीफ़ा याब सरकारी मुलाज़मीन को अपने वज़ीफ़ा में से 10 फ़ीसद कटौती का सामना करना पड़ेगा। मौजूदा तौर पर रिश्वतखोर ओहदेदारों को रिटायरमैंट के बाद बड़े जुर्माना के तहत मुकम्मल फ़वाइद में तबदीली लाई जाएगी और उन के वज़ीफ़ा में 20 फ़ीसद की कटौती की जाएगी। वज़ीर फ़ीनानस परनब मुकर्जी की ज़ेर क़ियादत रिश्वत के ख़िलाफ़ तहक़ीक़ात के लिए तशकील दी गई वज़ारती टीम की पहली रिपोर्ट में जो फ़ैसले किए गए हैं इस के तहत नए क़वानीन मूसिर साबित होंगी। सरकारी महिकमों में बदउनवानी को रोकने की कोशिश के हिस्से के तौर पर ब्यूरोक्रेसी की बदउनवानीयों के केसों को आजलाना तौर पर निमटा जाएगा। वज़ारती ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में फ़ैसला सुनाया है कि सरकारी महिकमों में बाअज़ बद उनवान ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई से पहले मुशावरती अमल पूरा किया जाना चाआई। ये इक़दामात हुकूमत की जानिब से क़बूल करदा सिलसिला वार तजावीज़ का हिस्सा हैं। हुकूमत ने बाअज़ तजावीज़ को क़बूल करते हुए उन पर फ़ौरी अमल आवरी का फ़ैसला किया ही। रिश्वत सतानी के ख़ातमा के लिए हुकूमत के फ़ैसले लोक पाल बिल बनाने इंसिदाद रिश्वत सतानी मुहिम कार अनाहज़ारे की मरण बरत के पेश किए गए हैं। उन्हों ने लोक पाल बिल में ब्यूरोक्रेटिक रिश्वत सतानी को भी शामिल करने का मुतालिबा किया ही। फ़िलहाल सरकारी मुलाज़िम जो वज़ीफ़ा पर सबकदोश होने वाले हैं मामूली जुर्माना से बच सकते हैं। क्योंकि वज़ारत ग्रुप में मामूली जुर्माना आइद करने के लिए वज़ीफ़ा याबों के लिए कार्रवाई को रोक देने या तर्क करने की सिफ़ारिश की ही। मामूली जुर्माना की सूरत में उन पर 10 फ़ीसद कटौती आइद होसकती ही। वज़ारती ग्रुप ने ये फ़ैसला किया है कि महिकमों और वुज़रा को जिन के तहत ओहदेदार काम करते हैं को तहक़ीक़ कुनुन्दगान की हैसियत से ख़िदमात हासिल की जा सकती ही। तहक़ीक़ात के अमल को तेज़ करने के लिए इन ओहदेदारों में से एक ओहदेदार को मुंतख़ब किया जा सकता ही। अहम केसों में ये ओहदेदार सैंटर्ल वीजलनस कमीशन को दरख़ास्त करसकते हैं कि वो रास्त तहक़ीक़ात के लिए इन का एक कमीशन मुक़र्रर करें। वज़ारती ग्रुप की राय ये भी है कि सैंटर्ल वीजलनस कमीशन एक पिया नल भी तशकील दें। ये पिया नल वज़ीफ़ा याब ओहदेदारों के दरमयान बनाया जाना चाआई। अलबत्ता इस के लिए बाक़ायदा जांच पड़ताल और तहक़ीक़ करके ही ये ज़िम्मा दी जा सकती ही। सरकारी मुलाज़मीन के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मंज़ूरी में ताख़ीर का नोट लेते हुए वज़ारती ग्रुप ने कहा कि रिश्वत के इल्ज़ामात सामने आने के बाद तीन माह के अंदर बद उनवान ओहदेदारों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का फ़ैसला करना चाआई। अगर मुताल्लिक़ा हुक्काम की जानिब से इजाज़त नहीं दी जाय तो ये मसला आला अथॉरीटी से रुजू किया जाई।
लद्दाख ख़ुदमुख़तार हल डीवलपमनट कौंसल केलिए चार अरकान नामज़द
श्रीनगर 11 सितंबर (पी टी आई) हुकूमत जम्मू-ओ-कश्मीर ने लद्दाख ख़ुदमुख़तार हल डीवलपमनट कौंसल कारगिल के लिए चार अरकान को नामज़द किया ही। नामज़द करदा कौंसिलरस के नाम पशकम से फ़ातिमा बानो, मलबक से टसरिंग समफल, हैमिल्िंग से टसरिंग अंगदस, शमशा खरबू से हमीदा बानो शामिल हैं। वज़ीर उमूर सारिफ़ीन और अवामी तक़सीम क़मर अली अख़ोन ने जो कारगिल के रुकन असैंबली हैं कल एक तक़रीब में नामज़द कौंसिलरस के नामों का ऐलान किया। कौंसिलरस की 30 रुकनी टीम में 26 अरकान को मुताल्लिक़ा हलक़ों से मुंतख़ब किया गया है जबकि कारगिल हल कौंसल का क़ियाम जुलाई 2003-ए-में अमल में आया जिस का मक़सद इस ज़िला में इंतिज़ामीया को शफ़्फ़ाफ़ और जवाबदेह बनाने के साथ तरक़्क़ीयाती कामों की निगरानी की जा सकी।
आसाम के ज़िला ढबरी में बर्ड फ़लू
30 हज़ार परिंदे तलफ़
गोहाटी 11 सितंबर (पी टी आई) आसाम भर में चौकसी का ऐलान करदिया गया है क्योंकि ज़िला ढबरी में बर्ड फ़लू का पता चला ही। सरकारी ज़राए ने कहा कि भोपाल की फ़ारमीसक लेबारेटरी ने इस ज़िला के इंतिज़ामीया की जानिब से रवाना करदा नमूनों का मुआइना करने के बाद तौसीक़ की गई है कि आसाम के ज़िला में बर्ड फ़लू पाज़ीटीव पाया गया ही। इस के फ़ौरी बाद ज़िला नज़म-ओ-नसक़ ने 14 मवाज़आत मैं मुर्ग़ीयों और दीगर परिन्दों को तलफ़ करने का काम शुरू करदिया। डिप्टी कमिशनर सुनील दत्ता ने कहा कि 2 मवाज़आत में अब तक 30 हज़ार मुर्ग़ीयों और परिन्दों को तलफ़ किया गया ही। आइन्दा चार दिन के दौरान बर्ड फ़लू से मुतास्सिरा परिन्दों को तलफ़ करदिया जाएगा। इस मक़सद के लिए रिया पड ऐक्शण फ़ोर्स के अमले को ताय्युनात किया गया ही।
मर्कज़ी हुकूमत दहश्तगर्दी पर क़ाबू पाने में नाकाम
हिंदूस्तान दहश्तगर्द हमलों केलिए आसान मुक़ाम बनता जा रहा ही, बी जे पी लीडर यशवंत सिन्हा का ब्यान
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हज़ारी बाग़ 11 सितंबर (पी टी आई) बी जे पी के सीनीयर लीडर यशवंत सिन्हा ने मुल्क में दहश्तगर्दी के बढ़ते वाक़ियात पर तशवीश ज़ाहिर करते हुए मर्कज़ी हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो दहश्तगर्दी से निमटने में बुरी तरह नाकाम होचुकी ही। साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर ने यहां एक प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए कहा कि दहश्तगरदों को ख़तन करने के लिए मर्कज़ी हुकूमत का तरीका-ए-कार से अंदाज़ा होता है कि वो दहश्तगर्द हमलों से निमटने में अपना हौसले खो चुकी ही। हिंदूस्तान अब दहश्तगरदों के लिए एक आसान निशाना बनता जा रहा ही। बज़ाहिर हिंदूस्तान को एक कमज़ोर मुलक बनाने के लिए हुकूमत नाकामी का मुज़ाहरा कररही ही। दहश्तगरदों में अब तक कई मर्तबा अपनी कार्रवाई अंजाम दी ही। साबिक़ मर्कज़ी वज़ीर यशवंत सिन्हा ने मज़ीद कहा कि हिंदूस्तान में आसानी के साथ दहश्तगर्द कार्यवाहीयां अंजाम देने से उन दहश्तगरदों के हौसले बुलंद होगए हैं। मर्कज़ी हुकूमत ने ख़ासकर मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पी चिदम़्बरम ने साबित करदिया है कि वो ग़ैर मूसिर और नरम रवैय्या रखने वाले वज़ीर हैं। गुज़श्ता कई महीनों के दौरान पेश आने वाले दहश्तगर्दी के वाक़ियात से निमटने के लिए कोई अहम पेशरफ़त नहीं की गई। हर दहश्तगर्द हमले के बाद चंद अफ़राद को गिरफ़्तार किया जाता है लेकिन उन्हें अब तक सज़ा नहीं दी गई। हज़ारी बाग़ के रुकन पार्लीमैंट यशवंत सिन्हा ने मर्कज़ी वज़ीर-ए-दाख़िला पर मज़ीद इल्ज़ाम आइद किया कि वो अपना सारा वक़्त बी जे पी पर तन्क़ीद करने के लिए सिर्फ कररहे हैं। सरहद पार की दहश्तगर्दी या दरअंदाज़ी का पता चलाने के लिए मूसिर इक़दामात करने के बजाय चिदम़्बरम बी जे पी को निशाना बना रहे हैं।
अरकान-ए-पार्लीमैंट के मशाहर में 900 फ़ीसद इज़ाफ़ा
भोपाल 11 सितंबर (पी टी आई) मध्य प्रदेश से ताल्लुक़ रखने वाले क़ानून साज़ों को हासिल होने वाले मशाहर और रियायतों में गुज़श्ता 15 साल के दौरान 900 फ़ीसद तक का रिकार्ड इज़ाफ़ा हुआ है जबकि मुअम्मर अफ़राद के लिए दिए जाने वाले वज़ाइफ़ मामूली हैं। सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों के लिए वज़ाइफ़ की रक़म नहीं के बराबर ही। क़ानून साज़ों के लिए तरक़्क़ीयाती फंड्स की इजराई में भी 300 फ़ीसद तक इज़ाफ़ा किया गया है जबकि बुज़ुर्ग शहरी सतह ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारते हुए माहाना सिर्फ़ 275 रुपय का वज़ीफ़ा हासिल कररहे हैं। इन 275 रूपियों मैं रियास्ती हुकूमत अपनी तरफ़ से 75 रुपय अदा करसकती है जबकि मर्कज़ 200 रुपय अदा करता ही। गुज़श्ता 15 सालों के दौरान क़ानून साज़ों की तनख़्वाह एक हज़ार से बढ़ कर 10 हज़ार रुपय होगई है लेकिन मुख़्तलिफ़ अलाॶनसीस की वजह से वुज़रा को माहाना 65 हज़ार रुपय और अरकान असैंबली को माहाना 50 हज़ार रुपय मिलते हैं। मर्कज़ी वज़ारत देही तरक़्क़ी ने 30 जून को जारी करदा अपने अहकाम में बतायाकि मुअम्मरीन का वज़ीफ़ा हासिल करने वालों के लिए दो ज़ुमरे बनाए जाएं एक ज़मुरा ख़ित्ता ग़ुर्बत से नीचे ज़िंदगी गुज़ारने वालों का होना चाआई।
शहीला मसऊद क़तल पर अना हज़ारे टीम ख़ामोश क्यों?
रिश्वत के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वालों को आवाज़ उठाना ज़रूरी, मक़्तूला के वालिद और बहन का ब्यान
भोपाल 11 सितंबर (एजैंसीज़) हक़ मालूमात कारकुन शहीला मसऊद के अरकान ख़ानदान ने जिन्हें गुज़श्ता माह गोली मारकर हलाक करदिया गया था का एहसास है कि इस की तहक़ीक़ात में तेज़ी लाने की ज़रूरत ही। जैसा कि अनाहज़ारे और उन के साथीयों ने अपने मसला को जिस तरह उठाया है इस तरह ये लोग शहीला मसऊद के क़तल पर ख़ामोशी इख़तियार करचुके हैं अना हज़ारे और उन के मुशीर ने शहीला मसऊद के क़तल पर इबतदा-ए-में आवाज़ उठाई थी मगर बादअज़ां उन की ख़ामोशी अफ़सोसनाक ही। शहीला मसऊद के 72 साला वालिद सुलतान मसऊद ने कहा कि मैं ये नहीं कह सकता कि आहर मेरी दुख़तर की मौत के लिए अनाहज़ारे और उन की टीम ने सिर्फ चंद स्त्री जुमले अदा करने के बाद ख़ामोशी इख़तियार क्यों की इस मसला को उन्हों ने शिद्दत से नहीं उठाया। अब हम सिर्फ ख़ानदान के दो अफ़राद ही बाक़ी रह गए हैं इस क़तल की ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने के लिए ज़रूरी है कि अना हज़ारे टीम भी आगे आई। शहीला मसऊद को 16 अगस्त की सुबह उन के मकान के बाहर गोली मारकर हलाक करदिया गया। इस क़तल ने रिश्वत के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वालों में सदमा की लहर दौड़ा दी थी। इस दिन अना हज़ारे ने दिल्ली में रिश्वत के ख़िलाफ़ अपना मरण बरत शुरू किया था। शहीला मसऊद क़तल केस के सिलसिला में शुरू करदा तहक़ीक़ात के दौरान जो नाम सामने आए हैं इन तमाम आली सतही क़ाइदीन में इन में बी जे पी के क़ाइदीन तरूण वजई, अनील देव और भोपाल के रुकन असैंबली धीरू नारायण सिंह शामिल हैं उन के इलावा पुलिस के सीनीयर ओहदेदारान और माइनिंग माफ़िया का भी नाम सामने आया ही। रिश्वत के ख़िलाफ़ मुहिम चलाने वाले कारकुनों का दावा है कि शहीला मसऊद को इस लिए निशाना बनाया गया क्योंकि इन अहम क़ाइदीन को बेनकाब करनेवाली थीं मध्य प्रदेश हुकूमत के मुख़्तलिफ़ महिकमों में उन्हों ने हक़ मालूमात कानन के तहत अर्ज़ी दाख़िल की थी शहीला मसऊद की छोटी बहन आईशा मसऊद ने कहा कि अना हज़ारे टीम के हामी अरकान किरण बेदी और अरविंद कजरीवाल ने इस पर तवज्जा नहीं दी। कम अज़ कम किरण बेदी को बहैसीयत एक ख़ातून शहीला मसऊद के क़तल पर आवाज़ उठाने की ज़रूरत ही। आईशा मसऊद अमरीका में एमबी ए कररही हैं उन्होंने इंसाफ़ के हुसूल के लिए जद्द-ओ-जहद करने का ऐलान किया। शहीला मसऊद के क़तल के पीछे बी जे पी क़ाइदीन का हाथ समझा जा रहा ही। इस सिलसिला में बी जे पी रुकन पार्लीमैंट का भी नाम सामने आया ही। शहीला मसऊद हुकूमत मध्य प्रदेश के कई महिकमों में बदउनवानीयों को बेनकाब करनेवाली थीं उन्हें उन के घर के क़रीब उस वक़्त गोली मारी गई जब वो रिश्वत के ख़िलाफ़ मुहिम के लिए रवाना हो रही थीं