लखनऊ: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अब एक खत लिखकर ब्राह्मण मज़हब और वैदिक कल्चर को इस्लाम के लिए खतरा बताया। एआईएमपीएलबी मुसलमानों की वह इदारा है जो मुस्लिम कानून और शरीयत से मुताल्लिक मामले देखता है। मौलाना वली रहमानी इसके जनरल सेक्रेटरी हैं।
इस खत में लिखा गया है कि जुमे के रोज़ जुमे की नमाज के दौरान इमामों को बाकी लोगों के साथ इस बारे में गौर कर कर तहरीक के लिए तैयार करना चाहिए।
लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना वली रहमानी की ओर से जारी खत में योग के साथ ही मुसलमानों को सूर्य नमस्कार करने से भी मना किया गया है। खत में लिखा है कि सूर्य नमस्कार सूर्य की पूजा करना है, यह वैदिक कल्चर और ब्राह्मण मज़हब का हिस्सा है। ऐसे में यह हमारे मज़हबी यकीन के साथ मेल नहीं खाता।
रहमानी ने तंज़ीमो और ओहदेदारों को लिखे खत में कहा है कि उन्हें इस्लाम की तालीमात के बारे में अपने फिर्के के लोगों को बेदार करते रहना चाहिए। बोर्ड ने योग, सूर्य नमस्कार और वंदे मातरम को प्रमोट करने के लिए मरकज़ी हुकूमत की तन्कीद करते हुए कहा है कि यह शरियत के खिलाफ है।
रहमानी के खत में दावा किया गया है 21 जून को योग दिवस मनाया गया, क्योंकि उस दिन आरएसएस के आइकन रह चुके कुशु बाली राम हेगड़े का इंतेक़ाल हुआ था। खत में लिखा है कि आईन हमें न सिर्फ अपनी मर्जी से मज़हब अपनाने की आज़ादी देता है बल्कि सेक्युलर हुकूमत की भी बात कहता है।