लखनऊ – 16 जुलाई को संत गाड्से हाल में आजादी के बाद देश के लियें शहीद होने वाले पहले आर्मी मैंन ब्रिगेडियर उस्मान को याद किया गया ,वरिष्ठ पत्रकार सईद नकवी ने सेमीनार में बोलते हुयें कहा कि देश के शहादत का नजराना पेश करने वाले अफसर को भुला दिया गया आज लोगो को उनके बारे में बताने के लियें कार्यक्रम करने पड रहे है
उन्होंने कहा कि सेना को ब्रिगेडियर उस्मान के सम्मान में कार्यक्रम करने चाहियें थे लेकिन अफ़सोस है वहां पे भी निराशा ही हाथ लगती है उन्होंने कहा कि शायद मुस्लिम होने के वज़ह से उनकी शहादत का अपमान करते हुयें उनको भुला दिया गया क्युकी उस्मान जैसे लोगो ने देश के सेकुलरिज्म की बुनियाद रखी थी आज सेकुलरिज्म को बेकार की विचारधारा बन गई है
पूर्व आईएस हर्ष मंदर ने सेमीनार में बोलते हुयें कहा कि उस्मान जैसे शहीद हिन्दू और मुस्लिम की एकता को मजबूत करने वाले कारक बन सकते है ज़रूरत है इनकी कुर्बानी आज की पीढ़ी जान पाए ,उन्होंने देश के हालात पर बोलते हुयें कहा कि देश बेहद नाज़ुक मोड़ पे रखा है देश के कुछ संघठन अल्पसंख्यको को सेकंड सिटीजन बनाना चाहते है ज़रूरत है भाईचारा बड़ाके देश के धर्मनिरपेक्ष चरित्र को बचाया जाये .
डोक्टर कौसर उस्मान ने ब्रिगेडियर उस्मान की बचपन से लेकर शहादत की जानकारी विस्तृत रूप से दी ,सेमीनार के बाद मुशायरा भी आयोजित किया गया जिसमे मुनव्वर राणा ,राहत इन्दोरी ,वसीम बरेलवी ,मंज़र भोपाली और कई नामी शायरों ने अपने कलाम पेश किये .