ब्रिटिश मुस्लिम खानदान को प्लेन से उतारा

लंदन: अमरीका के डिजनीलैंड घूमने जा रहे एक ब्रिटिश मुस्लिम खानदान को अमरीकी ओहदेदारो ने गैटविक हवाई अड्डे पर लॉस एंजिलेस जाने वाली फ्लाइट पर चढऩे से रोक दिया।

इस वाकिया के बाद ब्रिटेन के एक एमपी ने पीएम डेविड कैमरन से इस मामले में मुदाखिलत करने की मांग की है। अपने भाई और नौ बच्चों के साथ अमरीका जाने वाले मोहम्मद तारीक महमूद ने बताया कि अमरीकी ओहदेदारों ने उन्हें प्लेन में नहीं चढऩे देने का कोई वजह नहीं बताया।

ब्रिटेन के अखबार \’द गार्जियन\’ से बातचीत करते हुए महमूद ने बताया कि अमरीका पर हमलों की वजह से उन्हें लगता है कि हर मुसलमान उनके लिए खतरा है। अपोजिशन लेबर पार्टी की एम्\पी स्टेला क्रीसी ने पीएम कैमरन को खत लिखकर अमरीका के सामने यह मुद्दा संजीदगी से उठाने के लिए कहा है।

डाउनिंग स्ट्रीट के तरजुमान ने कहा कि कैमरन एमपी के दावों की जांच करवाएंगे और उसकी बुनियाद पर जवाब देंगे। वहीं, अमरीका के होमलैंड सेक्युरिटी डिपार्टमेंट के ओहदेदारो ने अभी तक यह नहीं बताया है कि 11 लोगों के इस खानदान को किस वजुहात से प्लेन में नहीं चढऩे नहीं दिया गया, जबकि उन्हें अमरीका का दौरा करने के लिए ऑनलाइन के जरिए इजाजत मिल गई थी। खानदान 15 दिसंबर को अमरीका जाने वाला था।

महमूद ने बताया कि एयरलाइन कंपनी ने बताया कि टिकट खरीदने में 13 हजार 340 डॉलर जो खर्च हुए थे, वे वापस नहीं मिलेंगे। यही नहीं, खानदान ने हवाई अड्डे पर ड्यूटी फ्री के तहत खरीदे गए सामान को भी जबरन वापस ले लिया गया। महमूद ने आगे बताया कि अपनी ज़िंदगी में इससे पहले मुझे इतनी शर्मिंदगी महसूस नहीं करनी पड़ी। मैं ब्रिटेन में रहता हूं। मेरा यहां पर बिजनस है। लेकिन, हमें अलग-थलग कर दिया गया।

क्रीसी ने बताया कि उन्हें इस बात की फिक्र है कि उन ब्रिटिश मुसलमानो की आबादी बढ़ती जा रही है जिन्हें बिना किसी वजह से अमरीका नहीं जाने दिया जा रहा है।

काबिल ए ज़िक्र है कि ब्रिटेन-अमरीका के बीच वीजा समझौते के तहत सभी ब्रिटिश शहरी बिना वीजा के 90 दिनों तक अमरीका का दौरा कर सकते हैं।