नई दिल्ली: सोमवार को संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने लोकसभा में जानकारी दी कि भारत सरकार, ब्रिटेन सरकार के साथ कोहिनूर मुद्दे के एक “संतोषजनक समाधान” के लिए तरीके तलाश रही है |
एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि कोहिनूर, आज़ादी से पहले देश से ले जाए गये एंटीक आइटम को वापस लाने के लिए बनाये गये अधिनियम एंटीक एंड आर्ट ट्रेजर एक्ट 1972 के तहत नहीं आता है |
कोहिनूर के मुद्दे पर एक जनहित याचिका को जवाब देते हुए सरकार ने कहा था कि कीमती हीरे को न तो चोरी किया गया है और न ही अंग्रेजो द्वारा जबरन ले जाया गया है बल्कि 167 साल पहले पंजाब के तत्कालीन शासकों द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को उपहार में दिया गया था |
हालांकि, इसकी बात चौतरफा आलोचना के बाद सरकार ने कहा था कि लगभग $ 200 मिलियन लागत वाले हीरे को वापस लाने के प्रयास किये जा रहे हैं |