ब्रिटैन: डब्स संशोधन योजना ख़तम करने के निर्णय से प्रवासी बच्चो की उम्मीदे ख़तम

फ़्रांस ,ग्रीस और इटली के राहतकर्मियों ने कहा की बिना साथी के आये कई सारे अप्रवासी बच्चो की उम्मीदे ‘डब्स संशोधन’ के ख़तम होने से टूट गयी है और वे बहुत मायूस हैं । वे अब अपनी जानो को और जोखिम मे डाल कर ब्रिटेन पहुँचने की कोशिश करेंगे।

कैलाइस में दानी संस्थाओ के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओ ने कहा की तक़रीबन 200 अप्रवासी बच्चे घने जंगलो और ध्वस्त किये गए शरणार्थी कैंपो के पास रह रहे हैं जिनमे से कई इस उम्मीद मे थे की वो डब्स संशोधन द्वारा ब्रिटैन पहुँच सकेंगे।

“वो टेंटो मे नहीं रहते क्योंकि वे पुलिस की निगरानी मे नहीं रहना चाहते । वे छुप कर रहना चाहते हैं ताकि लोगो की नज़रो के सामने न आएं” एमेलिया बुर, एक दान संस्था की कार्यकर्ता ने कहा।
पूरी जनवरी यहाँ का तापमान -5सी  रहा है, हम रोज़ उन्हें सोने के लिए बैग और कम्बल देते थे और जब सुबह वापिस आकर देखते थे तो वो जम चुके होते थे”।

अब इन बच्चो के ब्रिटैन पहुँचने के सभी दरवाज़े बंद हो गए हैं और यह अब अपनी ज़िन्दगियों को खतरे मे डाल कर ब्रिटैन जाने वाली बड़ी गाड़ियों मे चढ़ने की कोशिश करेंगे। पिछले महीने इसी कोशिश में एक बच्ची की मृत्यु राजमार्ग पर हो गयी थी ।

नताशा तसंगरिदेस, ग्रीस की दान संस्था ” चैरिटी सेफ पैसेज” जो अप्रवासी बच्चो को आश्रयस्थान प्रदान करने मे मदद करती है, उसने कहा की ग्रीस में 1000  से ज़्यादा ऐसे बच्चे हैं जिन्हें आश्रय स्थान की ज़रूरत है ।  इराक , सीरिया, अफगानिस्तान और अन्य जगहों से आये हुए बच्चे मजबूर हैं की वो सड़को पर रहे। कुछ को हिरासत केंद्र मे भी रखा गया है ।

“कुछ लड़के खुद को बचाने के लिए वैश्यावृति कर रहे हैं । 1000 से अधिक ऐसे बच्चे हैं जिनके पास सोने तक की जगह नहीं है, यहाँ बहुत सारी मुश्किलें हैं । यह संशोधन ही इन बच्चो की आखरी उम्मीद था और अब इसके ख़तम होने के बाद यह अपनी ज़िन्दगियों को और खतरे में डालेंगे। यह निर्णय अप्रवासियों के अधिकारों के विरुद्ध है और हम सब इस निर्णय से बहुत निराश हैं”, नताशा ने कहा।

गौरतलब है की डब्स संशोधन ब्रिटैन की लेबर पार्टी के लार्ड डब्स द्वारा बनाया गया था, जिसका मकसद यूरोप में आये 90000 अप्रवासी बच्चो की मदद करना था ।