आंध्र प्रदेश की तक़सीम के सिलसिले में नई दिल्ली में जारी तेज़ रफ़्तार सरगर्मियों के दौरान अचानक रॉयल तेलंगाना के क़ियाम की तरफ़ मर्कज़ की पेशक़दमी से मुताल्लिक़ इत्तेलाआत ने तेलंगाना और सीमांध्र क़ाइदीन के कैंपस में हलचल पैदा करदी है।
पार्लियामेंट के सरमाई मीटिंग के आग़ाज़ से पहले मर्कज़ी हुकूमत ने 10 अज़ला पर मुश्तमिल तेलंगाना रियासत के बजाय राइलसिमा के दो अज़ला अनंतपुर और करनूल के साथ रॉयल तेलंगाना की तशकील की तजवीज़ पेश की है।
इस तजवीज़ के हक़ में तेलंगाना क़ाइदीन को हमवार करने की कोशिशें जारी हैं। तेलंगाना के बाअज़ कांग्रेस क़ाइदीन ने रॉयल तेलंगाना के हक़ में अपनी राए का भी इज़हार करदिया है।
कांग्रेस वर्किंग कमेटी के मीटिंग में 10 अज़ला पर मुश्तमिल तेलंगाना रियासत के क़ियाम के हक़ में क़रारदाद मंज़ूर की गई थी लेकिन अब रॉयल तेलंगाना की तजवीज़ से हाईकमान की हिक्मते अमली के बारे में मुख़्तलिफ़ कयास आराईयां की जा रही हैं।
तेलंगाना मसले पर तशकील शूदा ग्रुप आफ़ मिनिस्टर्स ने भी अपनी रिपोर्ट को क़तईयत नहीं दिया। इसे वक़्त रॉयल तेलंगाना की तजवीज़ पेश करना कांग्रेस हाईकमान की हिक्मत-ए-अमली का हिस्सा मालूम होता है।
कांग्रेस हाईकमान के करीबी ज़राए ने बताया कि रॉयल तेलंगाना के क़ियाम की तजवीज़ का मक़सद तेलंगाना में टी आर एस और सीमांध्र में तेलुगु देशम पार्टी के असर को कम करना है।
टी आर एस की तरफ से कांग्रेस में इंज़िमाम से इनकार के बाद कांग्रेस ने अचानक अपनी हिक्मते अमली में तबदीली लाते हुए रॉयल तेलंगाना की तजवीज़ को आगे बढ़ा दिया है।
राइलसेमा के क़ाइदीन रियासत की तक़सीम की सूरत में 4 अज़ला को अलाहिदा रियासत का दर्जा देने का शिद्दत से मुतालिबा कर रहे हैं। कांग्रेस हाईकमान की हिक्मते अमली को देखते हुए ये अंदाज़ा करना मुश्किल है कि आख़िर कांग्रेस हाईकमान चाहता किया है?
ग्रुप आफ़ मिनिस्टर्स की रिपोर्ट को क़तईयत और मर्कज़ी काबीना में उस की मंज़ूरी से ही मंज़र साफ़ नहीं होगा बल्कि रियासत की तक़सीम से मुताल्लिक़ बिल की तैयारी तक इसी तरह की उलझन बरक़रार रहेगी।