हैगवर्नर ई एस एल नरसिम्हन ने आज नौजवानों पर ज़ोर दिया कि वो तहज़ीब-ओ-इक़दार को अज़ीज़ रखें। ईसी इक़दार की वजह से वो अपनी ज़िंदगी में कामयाबी की मंज़िलें तै करसकेंगे।
उन्होंने नौजवानों से ये भी कहा कि वो बुज़ुर्गों की इज़्ज़त करें क्युंकि ये हिंदुस्तानी मियार-ए-ज़िंदगी का बुनियादी इक़दार है। महबूब कॉलेज की 150 वीं तक़रीब से ख़िताब करते हुए गवर्नर नरसिम्हन ने इस बात का इआदा किया कि असातिज़ा को सिर्फ़ अपने मुशाहिरा पर तवज्जा मर्कूज़ करने के बजाये तलबा की सलाहीयतों को फ़रोग़ देने पर तवज्जा दीनी चाहीए।
एक तालिब-ए-इल्म के लिए बेहतरीन इनाम यही है कि वो अपने उस्ताज़ की एहतेराम करे। तलबा को ये याद रखना चाहीए कि अगर वो बुलंदीयों पर पहूंचे हैं तो ये सिर्फ़ असातिज़ा और तालीम की मरहून-ए-मिन्नत है।
इक़दार को अज़ीज़ रखना ही हर एक के लिए ज़रूरी है। उन्होंने वालिदेन पर ज़ोर दिया कि अपने बच्चों के मुस्तक़बिल को बेहतर बनाने के लिए इन में इक़दार को फ़रोग़ दिया जाये।
रुपय पैसे से बच्चों की ज़िंदगी संवारी नहीं जा सकती बल्कि तालीम ही बच्चों की ज़िंदगी का क़ीमती असासा होती है। उन्होंने नौजवानों पर ज़ोर दिया कि वो अपने बुज़ुर्गों का एहतेराम करें।
उन्हें जो कुछ भी तालीम मिलती है उसे फ़रामोश ना करें बल्कि उन के वालिदेन अपनी ज़िंदगीयों को क़ुर्बान करके उन्हें अच्छी ज़िंदगी देने की कोशिश करते हैं।
सच्चाई पर अमल करने की तलक़ीन करते हुए उन्होंने कहा कि नौजवानों को हमीश हक़ से सच्च का साथ देना चाहीए और मुआशरा के तईं उनकी जो ज़िम्मेदारीयां होती हैं, उन्हें दियानतदारी से अदा करना चाहीए।
मर्कज़ी मुमलिकती वज़ीर सर्वे सत्य नारायना ने कहा कि अच्छी तालीम ना सिर्फ़ कॉरपोरेट इदारे देते हैं बल्कि महबूब कॉलेज ने भी कई बेहतरीन तलबा तैयार किए हैं।
उन्होंने अपने तालिब इलमी के दौर का तज़किरा करते हुए कहा कि वो मुलाज़मत करते हुए तालीम हासिल करते थे। इस मौके पर मैनेजिंग कमेटी के सदर सी पी नामदेव ने ख़ौरमक़दम किया। विद्या रानी एज़ाज़ी सेक्रेटरी ने रिपोर्ट पेश की।