उम्र बढ़ने के साथ ही इन्सान में तबदीलीयां रोनुमा होने लगती हैं। एक तरफ़ उस की ख़ूबसूरती मांद पड़ ने लगती है तो दूसरी तरफ़ उस की चीज़ों को याद करने की सलाहीयत भी मुतास्सिर होने लगती है। ख़वातीन को बड़ी उम्र में जाकर छोटी छोटी बातें याद करने में भी मुश्किल पेश आती है।
माहिरीन का कहना है कि जो लोग मुसलसिल आरामदह नींद नहीं लेते ख़ाह वो अपनी नींद पूरी करलेते हूँ वो बुढ़ापे में याददाश्त खो सकते हैं। इस तरह उनकी याददाश्त खोने या कमज़ोर होने का ख़तरा होता है।अगर आप कोशिश करें तो बढ़ती हुई उम्र में भी अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकती हैं। अपनी याददाश्त तेज़ करने के लिए आपको चंद मश्क़ें करनी होंगी।
रोज़ाना आप भूली-बिसरी छः बातें याद करने की कोशिश करें। मसलन स्कूल के ज़माने का कोई वाक़िया याद करें। बचपन में सबसे ज़्यादा लड़ाईयां किस के साथ होती थीं। आपकी ज़िंदगी का यादगार लम्हा कौनसा था।शादी के बाद आपके शौहर ने सबसे पहला तोहफ़ा आपको क्या दिया था। इस किस्म की कोशिशों से आप अपनी याददाश्त को बेहतर बना सकती हैं। इस के अलावा सबसे ज़रूरी बात ये है कि अपनी नींद का बहुत ख़्याल रखें।