भगवा उतारने का सपना देखने वालों की राजनितिक कब्र यहीं बन गई है: शिवसेना

मुंबई: शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ में बीजेपी समेत अन्य पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुंबई के अस्तिव की लड़ाई शिवसेना अकेली लड़ती रही है, इतिहास बताता है कि मुंबई पर सदैव लहरानेवाला भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा उनकी राजनैतिक कब्र यहीं बन गई. साथ ही ये भी कहा कि मुबंई पर आए सकंट के समय जिन्होंने दुम दबा ली, वे मुंबई को बचाने के लिए सीने पर घाव झेलनेवाली शिवसेना के आड़े न आएं तो ही अच्छा है.

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आजतक के हवाले से, शिवसेना ने कहा कि मुंबई की रक्षा ही नहीं की बल्कि मुबंई की सभी जातियों और धर्मबंधुओं को मातृत्व का आधार देकर उन्हें उत्तम सुविधा देने का वचन भी निभाया है. उसने कहा कि मुबंई पर आए सकंट के समय जिन्होंने दुम दबा ली, वे मुंबई को बचाने के लिए सीने पर घाव झेलनेवाली शिवसेना के आड़े न आएं तो ही अच्छा है. मुंबई को लूटकर अपनी जेब भरने की परंपरा पिछले 60 सालों से भी अधिक समय से जारी है और आज भी उसका अंत नहीं हुआ है. बुलेट ट्रेन और मेट्रो ट्रेन जैसे विकास के बुलडोजर तले जो परिवार बेघर और निर्वासित होने वाले हैं उनके भविष्य का क्या, क्या उनको उनके घर मिलेगें.

नोटबंदी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधते हुए उनहोंने कहा कि नोटबंदी के कारण जो लोग नाहक़ मारे गए, क्या उसे भी विकास के नाम पर बली कहा जाए? साथ ही उनहोंने कहा कि ठाणे जैसे शहरों को विकास के नाम पर केंद्र की ओर से जो कुछ भी दिया जाता है उसमें राजनैतिक स्वार्थ अधिक होता है.

आपको बता दें कि शिवसेना ने ‘सामना’ में कहा कि कम से कम महाराष्ट्र और मुंबई में तो शिवसेना निर्दोषों को इस तरह नाहक़ कुचलने नहीं देगी. हमारी पीठ पर कितने ही वार क्यों ना हों, हमें परवाह नहीं है. शिवसैनिकों के रक्त में स्वार्थ नहीं है, इतिहास गवाह है कि मुंबई पर सदैव लहरानेवाला भगवा उतारने का सपना जिन्होंने देखा उनकी राजनैतिक कब्र यहीं बन गई.