“टोपी पहने एक आदमी खड़ा होता है और कहता है मैं भारत माता की जय नहीं बोलूंगा चाहे सर काट डालो । इस देश का एक कानून है; वरना एक क्या, हम लाखों सर काट सकते हैं। “
यह बात कही है योगगुरु कहलाने वाले बाबा स्वामी रामदेव ने जिन्हें यूपीए सरकार के शासन के दौरान काला धन वापिस लाने के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन करने पर रामलीला मैदान में सलवार का नाड़ा पकडे भागते हुए पुलिस ने काबू किया था। लेकिन इस देश का अंधा कानून तो देखिये, अगर एक मुसलमान नेता इस तरह का भाषण देता है तो उसे जेल में दाल दिया जाता है, आतंकवादी बताया जाता है और पाकिस्तानी कहा जाने लगता है वहीँ योगा और स्वदेशी अपनाओ का नारा देकर लोगों को जहरीली मैग्गी, नकली देसी घी और मुरब्बे बेचने वाले बाबा रामदेव को सरकार गोद में बिठाकर भेल खिलाने में लगी है।
और देश को रातों रात दुनिया की नं-1 सुपर पावर बनाने की कोशिश में जुटी सरकार के इस गुलबत्ती राज में देश के मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को वही पुराने दिन रह रहकर याद आ रहे हैं।