नई दिल्ली। मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन के प्रमुख असद ओवैसी ने हैदराबाद में हुए विस्फोट में कोर्ट का फैसला आने पर सवाल उठाया है कि उतनी ही तेजी से मक्का मस्जिद विस्फोट, समझौता विस्फोट या बाबरी मस्जिद मामले की सुनवाई क्यों नहीं की जाती। ओवैसी ने कहा कि एनआईए ने जिस तेजी से 2013 में दिलसुख नगर में हुए विस्फोट की जांच पूरी की, उतनी ही तेजी दूसरे मामले में क्यों नहीं करती।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार ओवैसी ने कहा कि दिलसुख नगर ब्लास्ट में जिस तरह से अधिकारियों ने रुचि दिखाई, इससे तीन साल में रिजल्ट आ गया। हम बोल रहे हैं कि मक्का मस्जिद विस्फोट या मालेगांव विस्फोट में एनआईए क्यों नहीं रुचि दिखा रही है। आखिरकार मरने वाले सभी तो भारतीय हैं। स्वामी असीमानंद को जमानत होने पर एनआईए अपील नहीं क्यूँ नहीं करती? 1992 में हुए बाबरी मस्जिद मामले में अब तक केस चल रहा है। गौरतलब है कि हैदराबाद विस्फोट में सोमवार को ही कोर्ट ने यासीन भटकल सहित पांच लोगों को फांसी की सजा सुनाई थी।
वहीं ओवैसी के सवाल पर भाजपा ने कहा है कि वह सांप्रदायिकता फैला रहे हैं। भाजपा नेता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ओवैसी भटकल पर अदालत के फैसले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं। हम इसकी निंदा करते हैं। यह आतंकवादियों पर राजनीतिक रोटियां सेंकते हैं।