भट्ट की दरख़ास्त ज़मानत पर हुकूमत गुजरात को अदालती नोटिस

अहमदाबाद। 4 अक्टूबर ( पी टी आई) गुजरात के सीनीयर आई पी ऐस ऑफीसर संजीव भट्ट की दरख़ास्त ज़मानत पर एक मुक़ामी अदालत ने रियास्ती हुकूमत को नोटिस जारी की है। भट्ट को जुमा के रोज़ एक कांस्टेबल को धमकी देने और सबूतों को मसख़ करने के इल्ज़ामात पर दर्ज करदा एफ़ आई आर की बुनियाद पर गिरफ़्तार किया गया था। सेशन्स कोर्ट के जज वे के वयास ने रियास्ती हुकूमत को नोटिस जारी करते हुए भट्ट की दरख़ास्त ज़मानत पर कल समाअत करने का ऐलान किया। कांस्टेबल के डी पंथ ने संजीव भटक के ख़िलाफ़ दर्ज करदा एफ़ आई आर में इल्ज़ाम आइद किया गया कि उन्हों ने 27 फरवरी 2002-को गुजरात ट्रेन सानिहा के फ़ौरी बाद चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी की जानिब से तलब करदा इजलास के बारे में उन्हें एक झूटे हलफनामे पर ज़बरदस्ती दस्तख़त करने केलिए मजबूर किया था और ना करने की सूरत में संगीन अवाक़िब की धमकी दी थी। गुजरात पुलिस ने संजीव भट्ट को अपनी तहवील में देने के लिए अदालत से दरख़ास्त की थी ताहम अदालत ने इस दरख़ास्त को मुस्तर्द करते हुए उन्हें अदालती तहवील में दे दिया था जो अब साबरमती जेल में क़ैद हैं। 2002 के गुजरात फ़सादाद में चीफ़ मिनिस्टर नरेंद्र मोदी पर अश्रार से साज़ बाज़ का इल्ज़ाम आइद करते हुए उन्हों ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफ़नामा दाख़िल किया है जिस के साथ ही वो मोदी के ख़िलाफ़ ऐलानीया तौर पर मुतसादिम होगए हैं। भट्ट के ख़िलाफ़ गुजरात के महिकमा दाख़िला ने भी डयूटी से ग़ैर मजाज़ ग़ियाब पर एक चार्ज शीट जारी किया है।