भाई चारे की मिसाल: दलित-मुस्लिम करेंगे सामूहिक भोज

सहारनपुर: आपसी सौहार्द व भाईचारे की मजबूती के लिए दलित व मुस्लिम धर्मगुरुओं द्वारा एक शानदार अनूठी पहल करते हुए देशभर में दोनों समाज के लोगों के लिए सामूहिक भोज कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. सामाजिक समरसता की इस पहल की अगुवाई जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना महमूद मदनी व दलित धर्मगुरु संत सतगुरू समनदास जी महाराज कर रहे है. सोमवार को सहारनपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुस्लिम मौलाना व दलित समाज के लोग साथ बैठकर भोजन करेंगे.

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

नेशनल दस्तक के मुताबिक, कार्यक्रम आयोजक प्रविंद्र धारिया ने बताया कि दलित मुस्लम सामूहिक भोज कार्यक्रम का मकसद दलित-मुस्लिम समाज को साथ लाना है. दोनों समाज के लोगों के बीच आपसी झगड़े, फसाद और कटुता को खत्म कर, सौहार्द व समरसता को बढाने में यह भोज महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा. प्रविंद्र धारिया के अनुसार, इस आंदोलन को दलित धर्मगुरु समनदास जी महाराज व मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना महमूद मदनी के आह्वान पर शुरू किया गया है. इसके तहत सोमवार को सहारनपुर में पेपर मिल रोड स्थित रविदास आश्रम में सामूहिक भोज कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
उधर, जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव महमूद मदनी का कहना है कि इस तरह के दलित-मुस्लिम भोज का आयोजन पूरे देश में किया जाएगा, ताकि देश में हिंदू-मुस्लिम भाईचारा बनाकर दंगे-फसाद होने से रोके जा सकें.

मदनी के अनुसार, दलित-मुस्लिम फसाद में अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग अपना हित साधने के लिए दलितों को आगे कर देते है.उनहोंने यह भी कहा कि गुजरात में हुए फसाद में भी आदिवासी दलितों को आगे कर दिया गया था. ऐसे में दलित मुस्लिम भाईचारा जितना ज्यादा मजबूत होगा, उतना ही हिंदू-मुस्लिम फसाद को रोकने में मदद मिलेगी.