भागलपुर: पुलिस द्वारा महिलाओं को पीटे जाने पर जगह जगह विरोध प्रदर्शन

बिहार: भागलपुर समाहरणालय परिसर में पुलिस द्वरा महिलाओं के साथ किये गए बदसुलूकी से शुक्रवार को पुरे शहर में दिन भर गहमा गहमी रही. जिससे जगह जगह लोग विरोध प्रदर्शन किया तथा कई संगठन इस मामले को लेकर सड़क पर आ गये. लोग इस मामले को लेकर काफी आक्रोषित हैं.

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प्रभात खबर के अनुसार, घटना से आक्रोषित वामदलों के कार्यकर्ताओं ने घंटाघर से स्टेशन चौक तक प्रतिरोध मार्च निकाला और स्टेशन चौक पर विरोध प्रदर्शन किया. प्रगतिशील छात्र संगठन ने स्टेशन चौक पर मुंह पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रकट किया.

जन संसद सुलतानगंज के प्रखंड अध्यक्ष सह जदयू कार्यकर्ता शंकर बिंद ने घटना पर विरोध जताते हुए जदयू जिलाध्यक्ष विभूति गोस्वामी के आवास पर पत्रकारवार्ता में कहा कि इस घटना की शिकायत भागलपुर प्रभारी राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह से की है. उन्हाने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की जांच करायेंगे और दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जायेगा. जायज मांगों को लेकर डीएम को फरियाद करने पहुंचे बेबस भीड़ पर जिस तरह से प्रशासन के इशारे पर पुलिस की लाठियां बरसी, ऐसा काम कर के प्रशासन राज्य की नीतीश सरकार को बदनाम करना चाहती है.

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वहीँ पुलिस महानिरीक्षक सुशील मानसिंह खोपड़े, प्रमंडलीय आयुक्त अजय कुमार चौधरी, पुलिस उपमहानिरीक्षक वरुण कुमार सिन्हा ने संयुक्त रूप से प्रमंडलीय आयुक्त के कार्यालय में प्रेसवार्ता कहा कि अनशन के दौरान उग्र हो जाना सही नहीं है. कुछ बाहरी तत्वों ने महिलाओं को उकसाया और उन्हें डीएम के चैंबर तक ले गये. इससे पुलिस को वहां से लोगों को बाहर निकालने पर मजबूर होना पड़ा. इस बीच भीड़ में शामिल बाहरी तत्वों के निशाने पर डीएम थे. उनकी साजिश को नाकाम किया गया.
जबकि आंदोलनकारियों का कहना है कि आंदोलन स्थल पर वार्ता के लिए कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचे तो, इस मामले को लेकर गांव की चार-पांच महिला डीएम के पास गई. जिसे देख उसके पीछे कई और महिलाएं भी चली गई. इस बीच अधिकारियों ने हिदायत कि डीएम के चैंबर में सिर्फ पांच लोग ही जा सकते हैं. इसी बात को लेकर महिलाओं तथा पुलिस के बीच कहा सुनी हुई. जिससे पुलिस गुस्से में आकर लाठी चार्ज शुरू कर दिया. जिसमे महिलाओं को अधनंगा कर, तथा घसीट-घसीट कर बुरी तरह पीटा. पुलिस की इस बबर्तापूर्ण कार्रवाई में महिलाओं को गंभीर चोटें आईं साथ ही उनके गोद में जो बच्चे थे वो भी पीटे, वृद्ध महिलाएं भी चपेट में आयीं.

आंदोलनकारियों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने गुहार लगायी है. इस मामले की निष्पक्ष जांच कर गुनाहगार को सजा मिले.