भागलपुर में दर्जनों गांव बहा ले गई गंगा

गंगा ने जिले पर अपनी आंखें सुर्ख कर ली हैं। इसका असर जिले की बासींदों पर पड़ा है। उफनाई गंगा दियारा के दर्जनों गांवों को अपने साथ बहा ले गई। इससे दो लाख खानदान मुतासीर हुए हैं। उनका आशियाना उजड़ गया। अब उन्होंने सड़क पर या एमदादी कैंप में पनाह ले रखी है।

दरअसल, गंगा के पानी का सतह में मुसलसल अजाफ़ा से साहिली इलाकों में बाढ़ का पानी ठहरने से किसानों का आशियाना बर्बाद हो गया। मिट्टी और फूस की झोपड़ियां जमींदोज हो गई। नाथनगर की शंकरपुर और रत्तीपुर बैरिया पंचायत में बाढ़ से दो सौ लोग मुतासीर हुए हैं। शंकरपुर पंचायत के गांवों में गंगा का पानी तीन से दस फीट तक बह रहा है। इसी तरह दारापुर में 35 आशियाने, बालूटोला में 22, चौवनियां में 35, मोहनपुर में 20, रसीदपुर और बैरिया वगैरह गांवों में मिट्टी और फूस की ज़्यादातर झोपड़ियां पानी में समा गई।

गोसाइदासपुर पंचायत के मुखिया पिंकी देवी ने बताया, मथुरापुर, हरिदासपुर, छिट राघोपुर, छोटी राघोपुर व गोसाइदासपुर में 95 घरों को नुकसान पहुंचा है। शंकरपुर चौवनिया के मुखिया जगदीश मंडल ने बताया कि बाढ़ की वजह इमदाद कैंप में लोग पनाह लिए हुए हैं। इनके घर बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गए हैं। बाढ़ में फसल और घर गवां देने के बाद मुतासीर लोग एकतेसादी तौर से टूट गए हैं। अब उन्हें यह खयाल खाए जा रही है कि गांवों से बाढ़ का पानी निकलने के बाद वे फिर से आशियाना बनाने के लिए पैसे कहां से लाएंगे।