संघ के सरबराह मोहन भागवत ने बीजेपी के सीनीयर लीडर लालकृष्ण आडवाणी को इशारों-इशारों में पार्टी के भले के लिए अपने ‘बागी’ तेवरों को छोड़ने की नसीहत दी, तो साथ ही बीजेपी को भी चेताया है कि आडवाणी के जाने से पार्टी तबाह हो सकती है। मंगल के रोज़ आडवाणी की तीन किताबों के रस्म ए इजराई के मौके पर भागवत ने एक कहानी के जरिए बीजेपी और आडवाणी को यह पैगाम दिया।
कहानी एक ऐसी खातून की थी जिसकी वजह से उसके सिवा पूरा गांव खुशहाल था, लेकिन उसके जाते ही वह तबाह हो जाता है।
कहानी इस तरह की है :
एक गांव में लोग खेती करके ज़िंदगी बसर करते थे घरों में पूजा वगैर होते थे लोग सुबह हवन करते और शाम को हवन कुंड साफ करते एक दिन गांव में एक खातून हवनकुंड के सामने पापड़ सुखा रही थी उसके मुंह में पान था तभी वहां एक कुत्ता आया वो उसे भगाने के लिए मुंह खोल नहीं सकती और आंगन में पापड़ ही पापड़ थे, वे खराब हो जाते मजबूरी में उसने हवन कुंड में थूक दिया और फिर कुत्ते को भगाया |
शाम को शौहर खेत से आए हवनकुंड की सफाई करने लगे तो उसमें सोने का टुकड़ा मिला उसने बीवी से पूछा तो उसने झिझकते हुए सारी बात बता दी उसने बताया कि शायद हवनकुंड इतना पाक है कि उसने थूका और वो सोना बन गया शौहर ने उसे ये बात किसी को न बताने और फिर ऐसा न करने की हिदायत दी |
लेकिन एक दिन खातून ने सहेलियों को ये बात बता दी अब हुआ ये कि उनका घर छोड़कर हर घर के हवनकुंड से सोना निकलने लगा गांव वाले उन्हें ताना मारने लगे, तो खातून गांव छोड़ने की जिद करने लगी शौहर नहीं माना बीवी की बहुत जिद पर एक साल बाद शौहर गांव छोड़ने को राजी हुआ गांव छोड़ते वक्त एक टीले पर पहुंचकर गांव की हालत देखकर वे हैरान रह गए |
गांव में आग लगी थी दंगे हो रहे थे शौहर ने तब बीवी को समझाते हुए कहा कि सभी के हवनकुंड में सोना मिलता था, एक अपने हवनकुंड में ये नहीं हो रहा था हमने गांव छोड़ा तो अब गुनाह गांव को खा रहा है |
कहानी के आखिर में भागवत ने आडवाणी से कहा कि वहीं रहना ताकि गांव को आग न लगे जो भी ज़िंदगी में मिले उसके हमेशा अच्छे मायने खोजने चाहिए |
कहानी के आखिर में भागवत ने बीजेपी और वहां मौजूद आडवाणी को इस कहानी का सारा मतलब भी समझा दिया। उन्होंने कहा, ‘आडवाणी जी सियासत में हैं। कैसे रहना… वहीं रहना और उन्हीं लोगों में रहना, ताकि गांव में आग नहीं लगे। जो भी ज़िंदगी में मिले उसके हमेशा अच्छे मतलब/ मायना खोजने चाहिए।’