भाजपा एमपी गिरिराज सिंह के रिहाइशगाह में चोरी

श्रीकृष्णापुरी थाने के आनंदपुरी वाकेय शिवम अपार्टमेंट का गार्ड धीरेंद्र अपने जहानाबाद रिहाइशगाह के लिए पीर को दोपहर में निकला और भाजपा एमपी गिरिराज सिंह के फ्लैट नंबर टू सी में चोरी हो गयी। उनके फ्लैट के मेन गेट का ताला काट कर चोर उनके बेडरूम में दाखिल कर गये।

वहां दो कमरों में मौजूद आलमीरों को तोड़ कर उनमें रखे कैश लेकर चंपत हो गये। हालांकि चोरों के हाथ कितने कैश लगे हैं, इसे वहां मौजूद लोग भी बता नहीं पा रहे थे। फिलहाल एमपी अभी दिल्ली में हैं। वे पीर की सुबह आठ बजे अपने इलाक़े के लोगों से मिलने के बाद दिल्ली जाने के लिए एयरपोर्ट रवाना हुए थे। वाकिया की जानकारी मिलते ही एसएसपी मनु महाराज, सिटी एसपी आशीष भारती, थाना इंचार्ज आइसी विद्यासागर दल-बल के साथ पहुंचे और छानबीन की। एफएसएल की टीम भी वहां जांच के लिए पहुंची थी। वहीं पुलिस ने रसोइया और नौकर से पूछताछ की।

डेढ़ माह पहले हुए थे शिफ्ट

एमपी गिरिराज सिंह डेढ़ माह पहले ही इस अपार्टमेंट में शिफ्ट हुए थे। इसके पहले वह चिड़ियाखाना के नजदीक क्वार्टर में रहते थे। एमपी के दिल्ली जाने के बाद नौकर लक्ष्मण (बड़हिया) उसी अपार्टमेंट में पांचवें तल्ले पर एमपी के एक और फ्लैट नंबर फाइव ए में चला गया था। उस फ्लैट में एमपी के बॉडी गार्ड रूप कमल सिंह और दो दीगर पुलिस मुलाज़िम मौजूद थे, जबकि फ्लैट नंबर टू सी में सिर्फ कुक सदानंद मेहता (मधेपुरा) था। इसी दरमियान दोपहर एक बजे अपार्टमेंट का गार्ड धीरेंद्र पांचवें तल्ले पर मौजूद लक्ष्मण के पास पहुंचा और उसे नीचे की ग्रिल की चाबी देकर जहानाबाद चला गया।

बैग पर नहीं पड़ी नजर

इस वाकिया में खास बात यह है कि एक कमरे के बैग में हजारों रुपये रखे थे, लेकिन चोरों की नजर उन पर नहीं पड़ी। वे पैसे बच गये। चोरों ने अलमीरा के अलावा कहीं भी हाथ नहीं लगाया। एमपी के कमरे में और डाइनिंग हॉल में कई कीमती सामान और मूर्तियां पड़ी हुई थी, लेकिन उन सबों को भी चोरों ने हाथ नहीं लगाया।

एक घंटे में ही हो गया खेल

फ्लैट नंबर टू सी में खाना खाने के बाद सदानंद कुछ देर के लिए सो गया और फिर उठने के बाद करीब सवा दो बजे वह फिर से पांचवें तल्ले पर चला गया। तकरीबन ढाई बजे लक्ष्मण भी वहां से निकल कर कहीं चला गया। इसी दरमियान साढ़े तीन बजे सदानंद फ्लैट नंबर टू सी में पहुंचा, तो वह वहां की हालत देख कर दंग रह गया। मेन गेट में ताला नहीं था और अंदर के कमरे खुले हुए थे। दो कमरों के अलमीरे भी खुले हुए थे। यहां तक कि वहां रखी एक अटैची भी खुली हुई थी. उसने फौरन ही पांचवें तल्ले पर रहे बॉडी गार्ड को इस वाकिया की जानकारी दी। बॉडी गार्ड ने एमपी गिरिराज सिंह को इसकी इत्तिला फोन से दी। बाद में एमपी ने दिल्ली से ही एसएसपी मनु महाराज को इसकी जानकारी दी। पल भर में सारे सीनियर पुलिस ओहदेदार उनके रिहाइशगाह पर पहुंच गये।