भाजपा की सूची में परिवारवाद, पार्टी बदलने वालों को प्राथमिकता

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवारवाद को बढ़ावा न देने की अपील को दरकिनार करते हुए बड़े नेताओं ने अपने बेटे, बेटियों और रिश्तेदारों को टिकट दिलवाए। राजनीति में परिवारवाद के सख्त विरोधी भारतीय जनता पार्टी ने बड़े नेताओं के रिश्तेदारों को खूब टिकट दिए हैं। यही नहीं, दूसरे दलों से आये लीडरों को भी सूची में जगह दी गई है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश न्यूज़ 18 के अनुसार अब तक दो सूचियों के माध्यम से घोषित किए गए 304 उम्मीदवारों में से कई ऐसे हैं जिन्हें दूसरी पार्टी से आते ही भाजपा ने विधानसभा का टिकट थमा दिया। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि पार्टी में आ गया वह बाहरी कैसे रहा। उनका कहना है कि जब तक वह दूसरे दलों में रहे तभी तक उन्हें बाहरी कहा जा सकता है, लेकिन जब भाजपा में शामिल हो गए तो बाहरी कैसे हुए।

उन्होंने पार्टी में परिवारवाद को बढ़ावा दिए जाने संबंधी आरोपों को भी खारिज किया। उनका कहना था कि चुनाव में विजयी होना चाहिए, इसलिए जीतने वाले और टिकाऊ उम्मीदवार को ही टिकट दिया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा ही एकमात्र पार्टी है जो अपने सिद्धांतों पर कायम है।