सरकार की आलोचना कहा कि हरयाणा प्रदेश खुली जेल में तब्दील हो गया है जहां पर 36 में से 35 बिरादरी के लोग घुटन का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अपने इस ब्यान से भाजपा सांसद राजकुमार सैनी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। सैनी ने कुरुक्षेत्र में लोकतंत्र सुरक्षा मंच में समानता महासम्मेलन में रैली की और कहा कि हरयाणा में 35 बिरादरी ऐसी है जिन्हें किसी तरह की कोई आज़ादी नहीं है, लेकिन इस रैली में सैनी ने कोई बड़ा एलान नहीं किया। अलग पार्टी बनाने की बात को लगभग खत्म कर दिया गया है। संसद ने मंच से प्रधानमंत्री की तारीफ़ की। जाट आरक्षण का खुल कर विरोध करने वाले संसद ने इशारों इशारों में जाटों पर निशाना साधा कहा कि ज़ुल्म सहने वाले लोग भी खुद दोषी है। घुट कर रहने का मतलब है खुली जेल में रहना 35 बिरादरी खुली जेल में रह रही हैं। ऐसे तो आज़ादी है लेकिन बोलने की आर्थिक और न्यायिक आज़ादी यहां लोगों को नहीं है।
उन लोगो पर और तंवर (कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष) पर हमला करने वालों को सम्मानित किया जाता है। एक वर्ग विशेष के सम्मान में गाने बने हुए हैं। उन पर हमला करने वालों के विरूद्ध लगी धारा 307 दबाव में हटा दी गई। वे सांसद हैं, लेकिन उन पर भी कई तरह के अंकुश लगाने का प्रयास होता है। राजनीतिक आजादी नहीं है। विधायकों के हाथ में कोई पॉवर नहीं है। मंच से वक्ताओं ने यूं तो प्रदेश सरकार पर कोई तंज़ नहीं किया, लेकिन प्रदेश में 35 बिरादरी के हितों के साथ अनदेखी और शोषण का भी आरोप जड़ा। वक्ताओं ने सांसद सैनी को भावी सीएम के तौर पर दिखाया।
महात्मा ज्योतिबा फूले की पुण्यतिथि पर समानता महासम्मेलन के बहाने सांसद ने कुरुक्षेत्र के थीम पार्क में रैली की। लेकिन इस कार्यक्रम से भाजपाइयों ने दूरी बनाए रखी। भाजपा के स्थानीय विधायक और सैनी के संसदीय क्षेत्र के विधायक भी नहीं आए। शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा भी एक कार्यक्रम में कुरुक्षेत्र में थे, लेकिन रैली में नहीं पहुंचे हैं।
वहीं केंद्रीय मंत्री एवं राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा, बिहार से सांसद अजय निषाद, पूर्व विधायक रोशनलाल आर्य पहुंचे थे।