भाजपा नेता की जूते—चप्पल से पिटाई कर ग्रामीणों ने गिनाया नोटबंदी के फायदे

शम्स तबरेज़,लखनऊ ब्यूरो
लखनऊ: पूरे देश को भ्रष्टाचारमुक्त बनाने और कालाधन वापस लाने के लिए प्रधानमंत्री ने नोटबंदी लागू किया। जिसके बाद पूरा देश ही बैंक और एटीएम के आगे अपना नम्बर आने का इंतज़ार करने लगा। प्रधानमंत्री ने जनता से बस पचास दिन मांगे और सत्तर दिन बीत जाने के बाद इसका परिणाम अब खुलकर सामने आने लागा है। सरकार ने नोटबंदी को राष्ट्रहित में बताया। लेकिन आम जनता के लिए कथित राष्ट्रहित कितना फायदेमंद है? इसका अंदाज़ा बस इसी से लगया जा सकता है कि लगभग डेढ़ सौ लोगों की सदमें से मौत हो गई, कितनी औरतों के सुहाग उजड़ गए और कितनी लड़कियों की डोली नहीं उठ सकी।
नोटबंदी से कितना फायदा हुआ है ये तो नोटबंदी लागू करने वाली सरकारी ही जाने! लेकिन आम जनता को इससे कितना फायदा हुआ इसका पता तब चला जब उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के एक गांव में विधानसभा चुनाव का प्रचार करने पहुंचे बीजेपी के नेता ने गांव वालों को नोटबंदी का फायदे गिनाने लगे लेकिन नोटबंदी के फायदा गिनवाना उन्हें काफी महंगा पड़ा। दरअसल गुरूवार को बीजेपी के एक नेता उस गांव पहुंचे जहां मोहन शुक्ला नाम के व्यक्ति की बेटी की शादी नोटबंदी के कारण टूट गई थी जिसके बाद मोहन शुक्ला ने आत्महत्या कर लिया था।
नोटबंदी से नाराज मृतक के परिजनों नेता को घर में बंद करके लाठी—डण्डों से पीट—पीटकर नोटबंदी के फायदे गिनवाए। जब ये बात गांव वालों को पता चली तो गांव वालों ने भी बीजेपी नेता को दौड़ा—दौड़ा कर पिटा। जिसके बाद बीजेपी नेता ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई है। सोशल मीडिया में ये खबर खूब पढ़ी जा रही है आज सुबह से ​फेसबुक पर ये खबर वायरल हो रही है। हालांकि इस खबर की पुष्टि के लिए सियासत ने लखनऊ स्थित बीजेपी कार्यालय और शाहजहांपुर में भाजपा के जिला अध्यक्ष राकेश मिश्रा से बात की लेकिन ऐसी किसी भी घटना से खुद को अनजान बताया। सीओ सिटी शाहजहांपुर से बात करने पर भी इसकी पुख्ता सूचना नहीं मिल सकी। लेकिन भाजपा नेता के पिटाई की ये खबर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो चुकी है।