भाजपा ने मुलायम को उनके ही किले में किनारे करने की रणनीति बनाई

फैसल फरीद, लखनऊ: इधर समाजवादी पार्टी ने खुद को सत्ता संघर्ष में उलझाया हुआ है, उधर भाजपा ने मुलायम के गढ़ इटावा-मैनपुरी के निचले दोआब क्षेत्र पर अपनी आँखें गड़ा ली हैं । बीजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष अमित शाह की इटावा में रैली भी यादव बेल्ट में पकड़ बनाने की इस रणनीति का एक हिस्सा थी ।

इस क्षेत्र को यादव परिवार के गढ़ के रूप में प्रदर्शित किया जाता है । 2012 के चुनावों में भी पार्टी ने यहाँ आसानी से जीत हासिल की थी । सपा के प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव खुद इटावा में जसवंत नगर सीट से विधायक हैं, जबकि इटावा, मैनपुरी, कन्नौज, औरेया, एटा, कासगंज फर्रुखाबाद, फ़िरोज़ाबाद और पास के कुछ और जिलों में सपा राज है ।

इन जिलों में यादवों की बड़ी आबादी रहती है जो सपा के परंपरागत मतदाता हैं । लेकिन इन सीटों पर ब्राह्मण मतदाताओं की बड़ी संख्या को भी नज़रंदाज़ नहीं करना चाहिए जो भाजपा की तरफ भी झुक सकते हैं । इन सीटों पर बारीकी से प्रबंधन के लिए पूर्व सांसद ब्रिजेश पाठक को ज़िम्मेदारी सौंपी है जो भाजपा में शामिल होने से पहले बसपा का प्रमुख ब्राह्मण चेहरा थे । ऐसा बताया जा रहा है कि ब्रिजेश पाठक ने क्षेत्र में ब्राह्मणों का समर्थन हासिल कर अमित शाह की सफल रैली के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी ।

अमित शाह की सफल रैली ने सपा खेमे में खतरे की घंटी बजा दी है । इटावा में रैली कर भाजपा ने वहां अपनी मौजूदगी का एहसास करा दिया है । सपा के लिए 2014 लोकसभा चुनाव में मिली वह हार अभी ताज़ा है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने बर्थाना, इटावा में रैली को संबोधित किया था और लोगों ने मुलायम सिंह यादव की समर्थन की अपील को नज़रंदाज़ करके भाजपा को जीता दिया था । इसी तरह के परिणाम को इस बार भी नज़रंदाज़ नहीं किया जा सकता ।

अपने घरेलू मैदान में मुलायम को किनारे करना भाजपा की चुनावी रणनीति है। यह कदम यादव परिवार पर अपनी जागीर पर पकड़ बनाए रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करने के लिए दबाव बनाएगा। इस क्षेत्र में सपा की कोई भी हार देश भर में संदेश भेजेगी कि मुलायम का गढ़ टूट रहा है।

हालाँकि सपा ने अपनी मजबूती दिखाने की कोशिश करते हुए कहा कि अमित शाह का यह दावा कि उत्तर प्रदेश में कोई विकास नहीं हकीकत से दूर है । क्योंकि वह हेलिपैड जहाँ अमित शाह का हेलीकॉप्टर उतरा और वह मंच जहाँ से अमित शाह ने भाषण दिया दोनों उत्तर प्रदेश सरकार के बनाये हुए हैं । शाह ने हालाँकि अपनी रैली में एक दूसरा राग भी छेड़ा । शाह ने सपा शासन में बड़े पैमाने पर ज़मीनों पर कब्ज़े होने की बात करी और कई शीर्ष सपा नेताओं पर इन कब्जों में शामिल होने का आरोप भी लगाया।

आरोप प्रत्यारोपों का दौर अभी चलता रहेगा, लेकिन मुलायम के घरेलु क्षेत्र में भाजपा के आक्रामक तेवर निश्चित रूप से आने वाले दिनों में सपा के लिए रातों की नींद हराम दे देंगे।