भाजपा परिवारवाद के खिलाफ: अमित शाह

नई दिल्ली: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रविवार को एक इंटरव्यू में कहा कि भाजपा हमेशा परिवारवाद के खिलाफ रही है। साथ ही उन्होंने परिवारवाद की अलग मतलब भी बताया। आपको बता दें कि प्रदेश विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ नेताओं के बच्चों को पार्टी ने टिकट दिए हैं बावजूद इसके भाजपा ने परिवारवाद के आरोप से इनकार किया है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह न्यूज़ 18 के अनुसार अमित शाह से यह पूछे जाने पर कि आपने परिवारवाद की बात की, मोदी जी ने भी भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से अपील की थी कि वह अपने रिश्तेदारों के लिए टिकट न मांगें, तो भी आप लोगों को काफी टिकट बांटने पड़े?

तो अमित शाह का जवाब था कि हम जिस परिवारवाद की बात करते हैं, वह इससे बिलकुल अलग है, उसकी मतलब मैं साफ़ कर देता हूँ। उन्होंने इस सवाल पर भी सपा को आड़े हाथों लिया, उनके परिवारवाद का मतलब सपा, कांग्रेस जैसा परिवारवाद है.

उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव के बाद अखिलेश बाकी सभी नेताओं को दरकिनार कर मुख्यमंत्री बनते हैं, यह परिवारवाद है, फारूक अब्दुल्ला जी के बाद उनके बेटे मुख्यमंत्री बनते हैं, यह परिवारवाद है, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी सोनिया गांधी, राहुल गांधी यह परिवारवाद है, किसी नेता का बच्चा चुनाव लड़ता है। वह विधायक बनेगा, एमपी बनेगा, सालों तक काम करेगा मगर मुख्यमंत्री नहीं बन सकेगा, यदि इसमें योग्यता नहीं है। यह सिर्फ भाजपा में देखने को मिलता है।

शाह ने कहा कि परिवारवाद की व्याख्या इतना आसान मत कर दीजिए। देश में कोई भ्रम नहीं है। राहुल गांधी को अगर बेटा या बेटी होती है, तो इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है कि अगला कांग्रेस अध्यक्ष कौन होगा। क्या आप बता सकते हैं कि भाजपा का अगला राष्ट्रपति कौन होगा? ।