नई दिल्ली: प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के मतदाताओं से वादा किया है कि भाजपा की सरकार बनते ही वह सबसे पहले छोटे किसानों के ऋण माफ करेंगे. हालांकि जिन राज्यों में भाजपा की पहले से ही सरकार है, उन राज्यों में एक करोड़ 61 लाख से अधिक किसान कर्जदार हैं.
प्रदेश 18 के अनुसार, इस साल बजट में केंद्र सरकार ने किसानों को सालाना चार प्रतिशत की दर पर तीन लाख रुपये तक ऋण देने की घोषणा की है. यही नहीं कृषि ऋण के लिए रिकॉर्ड 10 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य रखा है. एक ओर सरकार किसानों को करोड़ों रुपये ऋण में बांट रही है, तो दूसरी तरफ गैर भाजपाई सरकारों वाले राज्यों में किसान मतदाताओं को ऋण माफी का लॉलीपाप दिया जा रहा है.
इसी 7 फरवरी को भाजपा के नेता योगी आदित्यनाथ ने लोकसभा में सरकार से पूछा था कि क्या किसान ऋण सहायता आयोग बनाया जाएगा? उत्तर में सरकार ने नहीं कहा था. हालांकि खुद सरकार फसल खराब होने, सूखे और ऋण को किसानों की आत्महत्या का कारण मानती है, तो क्या प्रधानमंत्री के बयान को केवल चुनावी जुमला माना जाना चाहिए?
कृषि अर्थशास्त्री देवेंद्र शर्मा इस बात से सहमत हैं कि 80 प्रतिशत किसान बैंक लोन नहीं चुका पाने के कारण आत्महत्या कर रहे हैं और इस समय देश में लगभग 60 प्रतिशत किसान कर्ज में डूबे हुए हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर उनके लिए काम नहीं दिखाई देता.
देवेंद्र शर्मा का कहना है कि सरकार किसानों की कर्ज माफी के लिए जो बजट देती है, उसका अधिकांश हिस्सा कृषि व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को मिलता है न कि किसानों को.
जनता दल यूनाइटेड के महासचिव केसी त्यागी ने सवाल किया कि मोदी किसानों की कर्ज माफी के लिए यूपी में सरकार में आने का क्यों इंतजार कर रहे हैं, वह केवल भाजपा नेता ही नहीं, प्रधानमंत्री भी हैं. दरअसल किसानों के ऋण माफी की ओर प्रधानमंत्री का ध्यान नहीं है, वे केवल चुनाव जीतने के लिए ऐसा कर रहे हैं.
भारतीय कृषि समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा से जुड़े कृष्णवीर चौधरी कहते हैं कि सरकार को किसानों का कर्ज माफ करना पड़ेगा. प्रधानमंत्री ने छोटे किसानों के कर्ज माफ करने का वादा किया है, जहां तक भाजपा शासित अन्य राज्यों का मामला है, तो इन सरकारों को भी केंद्र से मांग करनी चाहिए.
भाजपा इन राज्यों में ऋण क्यों माफ नहीं करती, जहां उसकी सरकार है? इस पर भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और भदोही से सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कहा कि इस समय वह केवल यूपी के बारे में जवाब दे पाएंगे. उन्होंने दावा किया भाजपा किसानों को प्रीमियम के बिना फसल बीमा का भी लाभ देगी.