जम्मू: केन्द्र सरकार के दलित विरोधी नीतियों के चलते हमेशा से दलितों को दबाने की कोशिश की गई है. चाहे वो रोहित वेमुला आत्महत्या का मामला हो या फिर गुजरात में दलितों को प्रताड़ित करने का मामला. इसी प्रकार भाजपा शासित राज्य जम्मू में एक नाबालिग दलित लड़की का थाने में थानेदार द्वारा बलात्कार का मामला प्रकाश में आया है. जहां सरकार द्वारा इस मामले को लगातार दबाने का प्रयास किया जा रहा है.
बता दें कि बलात्कार के बाद पीड़िता ने इसकी शिकायत एसएसपी जम्मू से भी की, बावजूद इसके आरोपी अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. क्यों कि आरोपी पुलिस अधिकारी के भाई जम्मू-कश्मीर विधान परिषद का सदस्य (एमएलसी) है, जिनका दबाब में आकर उनपर कोई कोई कार्रवाई नहीं की गई, उलटे मामले को रफा-दफा कर दिया गया. बाद में पीडिता ने इंसाफ के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जिसके बाद कोर्ट ने आरोपी थानेदार के खिलाफ दफा 354-ए के तहत सम्मन जारी किया और पीडिता का भी बयान वहीं दर्ज किया गया.
वहीँ पीड़ित लड़की ने भी ये सारी आपबीती प्रेस कांफ्रेंस कर पत्रकारों को बताया. जिसमे उनहोंने कहा कि आए दिन आरोपी थानेदार विजय सिहं चौधरी उसके घर में कुछ अज्ञात लोंगो भेजता है, जो उसे पैसा लेकर मुंह बंद करने के लिए धमकाते हैं और नहीं मानने पर जान से मरने की भी धमकी दिया जाता है.
नेशनल दस्तक के मुताबिक पीडित लडकी ने बताया कि दबंग थानेदार ने उसे अपनी हवस का शिकार तब बनाया जब थाने में किसी मामले में बंद अपनी मां को वो खाना देने गई थी. थानेदार ने मौके का फायदा उठाते हुए लड़की को अपने कमरे में लेजाकर वहां उसके साथ जबरन बलात्कार किया.
बता दें कि आये दिन मौजूदा दलित विरोधी सरकार ने कई ऐसे मामले को दबाने की प्रयास किया जो खुली किताब की पन्ने की तरह पेश हैं.