भाजपा के लीडरों कि तरफ से मुस्लिम फिर्के से माफी मांगने को दारुल उलूम ने सिरे से नकार दिया है। गौरतलब है कि मुस्लिम कम्युनिटी में शबिया ( इमेज) सुधारने के मुहिम के तहत भाजपा के सदर राजनाथ सिंह ने मंगल के रोज़ अपील की थी।
उन्होंने कहा था कि अगर पार्टी की ओर से कभी भी कहीं कोई गलती या कमी हुई है, तो वह उसके लिए सिर झुकाकर माफी मांगने को तैयार हैं। देवबंदी उलेमा इस बयान से मुतमईन नहीं हैं।
इस्लामी तालीम के सबसे बड़े मरकज दारुल उलूम के मोहतमिम मौलाना अबुल कासिम बनारसी ने सिर्फ इतना ही कहा कि अभी तो इलेक्शन की शुरुआत है। और न जाने ऐसे कितने बयान आएंगे।
दारुल उलूम वक्फ के सीनीयर उस्ताद मुफ्ती आरिफ कासमी ने कहा कि बीजेपी अगर अपने किए पर शर्मिंदा है तो पहले वह अपना मैनिफेस्टो (इंतेखाबी ऐलानिया खत) साफ करे। गुजरात में हुए दंगे को कुबूल करे।
दंगे के मुतास्सिरों को मुआवजा दे और दंगे के मुजरिमों को सजा दे। तब मुसलमान बीजेपी के बारे में सोच सकता है। मुफ्ती आरिफ ने कहा कि बीजेपी से कोई जाति दुश्मनी नहीं है, एहतिजाज या मुखालिफत सिर्फ नज़रिया का है।
अगर बीजेपी अपने नज़रिया को बदले तो मुसलमान सोच सकते हैं। दारुल उलूम वक्फ के उस्ताद मौलाना नसीम अख्तर शाह कैसर ने कहा कि मुसलमानों से माफी मांगने की पहल करना इंतेखाबी स्टंट है।
बीजेपी वो दिन भूल गई जब उसने बाबरी मसजिद को शहीद कराया, गुजरात जैसे फसाद कराए और हिंदुस्तान में नफरत का बीज बोया।
अब वह मुसलमानों को बेवकूफ बनाकर वोट बटोरने के लिए इस तरह के बयान दे रही है।
अरबी के मशहूर आलिम मौलाना नदीमुलवाजदी ने कहा कि भाजपा के लीडरों का कोई यकीन नहीं है, क्योंकि इलेक्शन नजदीक आते ही वह इस तरह के बयान देने लगते हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात दंगे के मुजरिम नरेंद्र मोदी को सजा देने के बजाए उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बना दिया। अगर भाजपा अपने किए पर शर्मिंदा है तो नरेंद्र मोदी को पीएम के ओहदे से हटाकर माफी मांगे तो सोचा जाएगा।