मध्य प्रदेश में राजनीतिक दलों और उनके नेताओं में एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा तो रही है, मगर कभी भी समाज में ‘जहर घोलने’ की कोशिश नहीं हुई. यही कारण रहा कि किसी भी नेता ने एक-आध अपवाद को छोड़कर कभी गंभीर आरोप लगाने में रुचि नहीं दिखाई. यह मर्यादा और परंपरा अब मगर टूटने की कगार पर है. आलम तो यह है कि नेता एक-दूसरे पर आरोप लगाने के मामले में किसी भी हद तक चले जाते हैं. इससे जनमानस में जहर घुल रहा है. राज्य में अगले तीन से चार माह के भीतर विधानसभा चुनाव होना तय है. सत्तारूढ़ बीजेपी यहां लगातार चौथी बार जीतने तो कांग्रेस इन्हें पटखनी देने की कोशिश में है.
फेसबुक पर बीजेपी विधायक के बेटे ने दी धमकी
एक तरफ सीएम शिवराज के रथ पर पथराव का मामला तूल पकड़े है तो दूसरी ओर भाजपा की दमोह जिले के हटा से विधायक उमा देवी खटीक के बेटे प्रिंसदीप लालचंद खटीक ने कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को ‘जान से मारने’ की धमकी दे डाली है. खटीक ने फेसबुक पर लिखा है, ‘सुन ज्योतिरादित्य! तेरी रगों में जीवाजी राव का खून है, जिसने बुंदेलखंड की बेटी झांसी की रानी का खून किया था, अगर उपकाशी हटा में प्रवेश कर इस धरती को अपवित्र करने की कोशिश की, तो गोली मार दूंगा. लहारी में ही या तो मेरी मौत होगी या तेरी.’
शिवराज के काफिले पर हड़ताल के बाद तनाव
बता दें कि रविवार रात सीधी जिले के चुरहट विधानसभा क्षेत्र में सीएम शिवराज चौहान के रथ पर पथराव किया गया. राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने इसे ‘हत्या की साजिश’ बता डाला. रथ पर हमला रात साढ़े नौ बजे होता है और गृहमंत्री लगभग 15 घंटे बाद ऐलान कर देते हैं कि यह हत्या की साजिश थी. गृहमंत्री को इस बात का खुलासा भी करना चाहिए कि उनके पास यह इनपुट किस एजेंसी के जरिए आया. चुरहट के विधायक और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का सीधा आरोप है कि यह कांग्रेस नेताओं को फंसाने की बीजेपी द्वारा रची गई साजिश और सहानुभूति बटोरने की चाल है. सिंह ने सवाल किया कि सीएम के रथ पर पथराव गुप्तचर एजेंसी की असफलता है और गृहमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए.
समाज में जहर घुला तो मुश्किल होगी
बता दें कि इससे हटकर राज्य के लगभग हर हिस्से में संसद द्वारा एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन का चौतरफा विरोध हो रहा है. इससे समाज के सवर्ण व आरक्षित वर्ग में तनाव की स्थितियां बन रही हैं. राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा कहते हैं, ‘राज्य में सत्ता और विपक्ष में कभी भी इस तरह के हालात नहीं बने. यह सब जान रहे हैं कि चुरहट के पथराव को मुख्यमंत्री की हत्या की साजिश बताने के पीछे की मंशा क्या है. नेताओं का नजरिया टकराव पैदा करने वाला है तो कार्यकर्ता किस हद तक जाएंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सत्ता आती-जाती रहेगी, मगर समाज में जहर घुल गया तो शांति और भाईचारा लाना आसान नहीं होगा.