नई दिल्ली। सरकार एक ओर जहां प्रवासी भारतीयों द्वारा भारतीय मूल के विदेशियों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही है, वहीं दूसरी ओर 500 और एक हजार रुपये के नोट बदलने के लिए प्रवासी भारतियों को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
नोटोंबंदी के मद्देनजर सरकार ने प्रवासी भारतीयों को पुराने नोट बदलने के लिए 30 जून 2017 तक समय देते हुए कहा था कि ऐसे भारतीय को देश आने पर हवाई अड्डे पर कस्टम अधिकारियों के पास उपलब्ध विशेष फार्म में बदलने वाले पुराने नोटों का उल्लेख करेंगे और उसी फार्म को भारतीय रिजर्व बैंक में जमा करके 25 हजार रुपये तक के पुराने नोट बदले जा सकेंगे, हालांकि, इस संबंध में जारी अधिसूचना अच्छी तरह स्पष्ट नहीं है।
बेंगलुरु में गैर निवास भारतीय सम्मेलन में भी यह मुद्दा उठा जिस पर केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि वह इस मामले को वित्त मंत्रालय के सामने रखेंगे।
भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक डॉक्टर सुनील उपाध्याय और सविता उपाध्याय जब 25-25 हजार रुपये के पुराने नोट बदलने के लिए दिल्ली में रिजर्व बैंक में पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनके नोट नहीं बदले जाएंगे। केवल प्रवासी भारतीयों के ही पुराने नोट बदले जाएंगे। इस संबंध में रिजर्व बैंक से संपर्क करने पर अधिकारियों ने इस संबंध में सरकार द्वारा जारी अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें केवल प्रवासियों (एनआरआई) के ही पुराने नोट बदलने के लिए कहा गया है। किसी दूसरे देश की नागरिकता वाले भारतीय मूल के लोगों के नोट नहीं बदले जाएंगे।