भारत और अफगानिस्तान का एकजुट होकर आतंकवाद से लड़ने का संकल्प

नई दिल्ली: भारत और अफगानिस्तान ने अपने चिर और लंबे सहयोग और मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए आज कहा कि दुनिया के सामने सबसे बड़ी परीक्षा का रूप ले लेने वाली आतंकी आतंकवाद के दोनों मिलकर लड़ेंगे। दौरे पर आए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अशरफ गनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आज यहां दो तरह कि बात चहत के बाद दोनों नेताओं की ओर से जारी संयुक्त बयान में क्षेत्र की शांति, स्थिरता और विकास के लिए आतंकवाद सबसे बड़ी बाधा मानते हुए हर रूप में इस बुराई को जड़ से समाप्त करने की आवश्यकता पर ज़ोर‌ दिया गया और कहा गया कि इसके लिए दोनों देशों आपसी सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाएंगे।

दोनों देशों ने इसके साथ ही हर तरफ से आतंकवाद को संरक्षण और सुरक्षा देने वाली गतिविधियों पर लगाम लगाने की अपील की। इस मौके पर अफगानिस्तान नवाचार निवेश, आर्थिक और राजनीतिक परिवर्तन की प्रक्रिया को सफल बनाने में भारत की भागीदारी पर भी जोर दिया गया। साथ ही अफगानिस्तान में शिक्षा, ऊर्जा, स्वास्थ्य, आधारभूत संरचना, कुशल बोल्ड विकास, महिला सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए भारत की ओर से एक अरब डॉलर की आर्थिक मदद की घोषणा भी की गई। पक्षों ने स्वीकार किया कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सभी स्तरों पर नियमित बातचीत रणनीतिक साझेदारी को दिशा बंद के साथ ही हर क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने में मदद मिली है। इस संबंध में संसद भवन और अफगानिस्तान .हिन्द दोस्ती बांध के निर्माण में भारत के सहयोग पर खुशी जताई गई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत एक मजबूत, संगठित, लोकतांत्रिक, आत्मनिर्भरता और समृद्ध अफगानिस्तान देखना चाहता है और इसके लिए वह अपनी ओर से हर संभव मदद जारी रखेगा।