गिलानी ने यह खत प्रेस कांफ्रेंस की अनुमति ना मिलने के बाद जारी किया है। उन्होंने सुबह 11 बजे हैदरपुरा स्थित घर पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई थी लेकिन प्रशासन ने उनके घर की ओर जाने वाले रास्तों पर पाबंदी लगा दी। गिलानी ने लिखा कि ‘कमांडर बुरहान के शहीद’ होने के बाद से प्रत्येक गांव और कस्बे से यह संदेश आया है कि भारत और कश्मीर के बीच केवल किरायेदार और कब्जेदार का रिश्ता है। उसने अब्दुल्ला, मुफ्ती, लोन और ऐसे अनगिनत नामों के रूप में परदे बनाए।
उन्होंने लिखा कि हम हमेशा से कह रहे हैं कि ये सहयोगी भारत की कठपुतली मात्र हैं और आज यह साफ है कि उनका एकमात्र काम भारत के कब्जे को मजबूत करना और हमारे लोगों की हत्याओं और उन्हें अंधे करने पर सफाई देना भर है। उन्होंने मारने के लिए आजादी समर्थक नेताओं, कार्यकर्ताओं, कारोबारियों, सरकारी कर्मचारियों और पत्रकारों की सूची बनाई है।