भारत का सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन समिट मुम्बई में 23-24 मई 2018 को किया जाएगा आयोजित

मुम्बई में 23 और 24 मई 2018 को इन्फ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन समिट 2018 सबसे बड़ा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन फोरम का प्लेटफार्म बनने के लिए तैयार है। आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय (भारत सरकार) और नवीन एवं अक्षय ऊर्जा मंत्रालय (भारत सरकार) द्वारा संयुक्त रूप से समर्थित यह फोरम, उद्योग जगत की कुछ सबसे बड़ी हस्तियों का स्वागत करने के लिए तैयार है।

IIS 2018 में नेटवर्किंग के लिए अनेक अवसर उपलब्ध होंगे। जहां सभी प्रतिभागियों को चर्चाओं में भागीदारी का समान अवसर उपलब्ध कराया जाएगा, वहीं आर्किटेक्ट्‌स, अंतर्राष्ट्रीय और घरेलू सलाहकार, शहरी नियोजक, डेवेलपर्स, मंत्रालय के प्रतिनिधि, टेक CXO, नियामक प्राधिकारी इत्यादि की भागीदारी के साथ यह फोरम, नेटवर्किंग के लिए भरपूर अवसर उपलब्ध कराएगा और चर्चा किए जाने वाले विषय आधारभूत ढांचे के भावी रूपांतरण से एकदम संबंधित होंगे।

इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर, भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रमुख चालकों में से एक है, जो सरकार के निहित हितों और विदेशी व घरेलू निवेश के उत्सुक रूझानों का भी कारण हो सकता है। हालांकि उम्मीदों और सच्चाई में बड़ा अंतर है। हाल के एक अध्ययन से मालूम चला है कि अगले दो दशकों के दौरान शहरी जनसंख्या की मांग पूरी करने के लिए लगभग US$1.2 ट्रिलियन पूंजी निवेश की आवश्यकता होगी। अगले 15 वर्षों में लगभग 200 मिलियन लोग, भारत में ग्रामीण से शहरी इलाकों में जाएंगे। स्थायी विकास के लिए, आधारभूत ढांचे में 2022 तक US$ 778 बिलियन का निवेश मोटे अनुमान से आवश्यक होगा। धारणीयता के अलावा, नवप्रवर्तन और डिजाइनों के मामले में अग्रणी भारत में नई तरह की परियोजनाओं में उछाल आया है। यह प्रेरणा वर्ल्ड वन और यमुना एक्सप्रेसवे जैसी परियोजनाओं में देखी जा सकती है। भावी संभावनाओं का सही अंदाजा और भारतीय इन्फ्रास्ट्रक्चर के वर्तमान परिदृश्य को समझना, बड़ी चुनौती बन गया है।

IIS 2018 फोरम, विविध क्षेत्रों के 300+ से अधिक पेशेवरों को नेटवर्क बनाने तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में प्रचुर अनुभवी औद्योगिक प्रतिनिधियों से वर्तमान रूझानों व नवप्रवर्तनों को समझने का अवसर उपलब्ध कराएगा।

नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, भारत सरकार अनेक संभावनाशील परियोजनाएं चला रही है, जैसे कि स्मार्ट शहरों की योजना में रु. 191,155 करोड़ (US$ 30.02 बिलियन) निवेश, या ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर परियोजना में रु. 4,200 करोड़ (US$ 648.75 बिलियन) का निवेश। सरकार की सक्रिय सहभागिता और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर केंद्रित नीतियां, इस उद्योग के लिए बड़ी अनुकूल खबरें हैं। 2018-19 के बजट में, रेलवे के लिए 1.48 ट्रिलियन (US$ 22.86 बिलियन) राशि अलग से आवंटित करते हुए, इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए रु. 5.97 लाख करोड़ (US$ 92.22 बिलियन) का आवंटन किया गया है। सरकार के ये फैसले, भारत में इन्फ्रास्ट्रक्चर के परिदृश्य के महत्त्व के साथ व्यापकता को भी उजागर करते हैं।

राज हेसी (IIS 2018 मैनेजमेन्ट ) ने इस संबंध में अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि “इस इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति में अग्रणी भूमिका निभाते हुए हम सचमुच प्रसन्न हैं।” “इस क्षेत्र में एक सकारात्मक प्रभाव डालना और विचारों के आदान-प्रदान के लिए प्रेरक बनना, इस फोरम का मूल उद्‌देश्य है। शीर्षस्तरीय एक्जीक्यूटिव्स के विचारों के माध्यम से भविष्य के लीडर्स को इन विचार-विमर्श के द्वारा मार्गदर्शन प्राप्त होगा।”

यह सम्मेलन, उद्यमियों के लिए अपनी क्षमताएं दिखाने का भी एक अवसर है। सही दर्शकवर्ग को लक्ष्य करते हुए एक भव्य मंच तैयार किया गया है, जहां कंपनियों को अपने संदेश फैलाने का अप्रतिम अवसर प्राप्त होगा। इस आयोजन के लिए प्रायोजन संभावनाएं भरपूर हैं और सही क्लाइंट्‌स तक पहुंचकर कंपनियां अत्यधिक लाभान्वित हो सकती हैं। IIS 2018 के आयोजकों ने सूचित किया है कि व्यक्तिगत रजिस्ट्रेशनों के साथ प्रतिनिधिमंडलों के रजिस्ट्रेशन भी अब लोगों के लिए खुले हैं।

दुनिया भर में इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हो रहे नवप्रवर्तनों तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन समिट 2018 की नवीनतम जानकारियों के लिए आप सोशल मीडिया पर #IIS2018  का अनुसरण कर सकते हैं। इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योग क्षेत्र के लिए यह फोरम एक सबसे इंटरएक्टिव और भव्य फोरम माना जा रहा है। इन्फ्रास्ट्रक्चर क्रांति होने और इसकी भरपूर बढ़ती स्वीकार्यता के साथ, इन्फ्रास्ट्रक्चर इनोवेशन का भविष्य उत्साहजनक है। और IIS 2018 संभावनाओं की इस दुनिया की वास्तविक झलक दिखाने के लिए तैयार है।