केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि भारत के फुटवियर उद्योग में निर्यात और रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं।
सुरेश प्रभु आज नई दिल्ली स्थित प्रगति मैदान में आयोजित चौथे इंडिया इंटरनेशनल फुटवियर फेयर 2018 (आईआईएफएफ) के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही बढ़ती मांग को पूरा करने के उद्देश्य से फुटवियर के उत्पादन के लिए एक वैश्विक हब (केन्द्र) बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार देश के फुटवियर उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रोत्साहित करने के लिए राज्यों के साथ-साथ व्यापार निकायों के साथ भी और ज्यादा सामंजस्य सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीति तैयार करेगी।
मंत्री ने विशेष जोर देते हुए कहा कि भारत के फुटवियर उद्योग को घरेलू बाजार से परे भी संभावनाएं ढूंढ़नी होंगी क्योंकि भारत में एक वैश्विक फुटवियर उत्पादन हब बनने की क्षमता है। इसे साकार करने के उद्देश्य से चमड़ा एवं फुटवियर क्षेत्रों (सेक्टर) में रोजगार सृजन के लिए सरकार द्वारा पिछले वर्ष 2600 करोड़ रुपये के एक विशेष पैकेज को मंजूरी दी गई थी। इस पैकेज में केन्द्रीय योजना : भारतीय फुटवियर, चमड़ा एवं सहायक उपकरण विकास कार्यक्रम का क्रियान्वयन शामिल है।
भारत से चमड़ा एवं फुटवियर व्यापार को अफ्रीकी देशों के नए बाजारों में सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इससे भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) का एक हिस्सा बनने में मदद मिलेगी। मंत्री महोदय ने यह आश्वासन दिया कि भारत सरकार फुटवियर उद्योग को हरसंभव मदद देगी।
श्री सुरेश प्रभु ने मेले का मुआयना किया और फुटवियर, मशीनरी, उपकरणों, प्रौद्योगिकी, सहायक कलपुर्जों एवं रसायनों सहित विभिन्न उत्पादों मे काफी दिलचस्पी दिखाई।
इस मेले का आयोजन भारतीय व्यापार संवर्धन संगठन द्वारा भारतीय फुटवियर उद्योग परिसंघ के सहयोग और चमड़ा निर्यात परिषद, केन्द्रीय चमड़ा अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई) तथा भारतीय फुटवियर कलपुर्जा उत्पादक संघ के समर्थन से किया गया है।
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान आईटीपीओ के चेयरमैन एवं एमडी और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी उपस्थित थे।