भारत के विदेशी मुद्रा भंडार 420 अरब डॉलर के पार

नई दिल्लीः  देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार तीसरे सप्ताह चढ़ता हुआ 8 सितंबर को समाप्त सप्ताह में पहली बार 400 अरब डॉलर के पार पहुंच गया।  स्वर्ण भंडार और मुख्य मुद्रा आस्तियों में अच्छी वृद्धि होने से देश का विदेशी मुद्रा भंडार दो फरवरी को समाप्त सप्ताह में 4.12 अरब डॉलर बढ़कर 421.91 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया। इससे पिछले सप्ताहांत में विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर बढ़कर 417.89 अरब डॉलर हो गया था। इससे पूर्व आठ सितंबर 2017 को समाप्त सप्ताह में पहली बार मुद्राभंडार 400 अरब डॉलर के स्तर के पार पहुंचा था लेकिन उसके बाद से उसमें घट बढ़ देखी गई। हालांकि, इस साल की शुरुआत से इसमें लगातार पांचवें सप्ताह बढ़त हुई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े दर्शाते हैं कि समीक्षाघीन सप्ताह में कुल विदेशी मुद्रा भंडार का महत्वपूर्ण हिस्सा, यानी विदेशी मुद्रा आस्तियां (एफसीए) 3.025 अरब डॉलर बढ़कर 396.769 अरब डॉलर हो गई। अमेरिकी डॉलर में आकलित विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पौंड और जापानी येन जैसे गैर अमेरिकी मुद्राओं की तेजीः अवमूल्यन के प्रभावों को शामिल किया जाता है। सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण आरक्षित भंडार 1.092 अरब डॉलर बढ़कर 21.514 अरब डॉलर हो गया।  रिजर्व बैंक ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में विशेष निकासी अधिकार 32 लाख डॉलर बढ़कर 1.547 अरब डॉलर हो गया। केन्द्रीय बैंक ने कहा है कि आईएमएफ में देश का मुद्राभंडार भी 43 लाख डॉलर बढ़कर 2.084 अरब डॉलर हो गया।

सितंबर 2016 में उर्जित पटेल ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर के रूप में पदभार संभाला था, तब से लेकर अब तक इसमें 30 अरब डॉलर की वृद्धि हुई है। विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे अधिक हिस्सेदारी फॉरेन करेंसी एसेट (एफसीए), ड्रॉइंग राइट्स और सोने की है।

आरबीआई ने विदेश मुद्रा भंडार को डॉलर में पेश किया है। इस भंडार में पाउंड, स्टर्लिग, येन और अन्य अंतर्राष्ट्रीय मुद्राओं के मूल्यों में होने वाले उतार-चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है।