भारत पिछले 5 साल में दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का आयातक बन गया है और इसकी विदेशी खरीद चीन और पाकिस्तान की तुलना में कहीं ज्यादा है, एक स्टॉकहोम स्थित थिंक टैंक ने आज कहा।
“स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (इसआईपीआरआई )” की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, 2012 -16 के बीच वैश्विक हथियार आयात के लिए भारत 13 प्रतिशत जिम्मेदार है।
रिपोर्ट ने कहा, चीन तेज़ी से स्वदेशी उत्पादों के साथ हथियारों के आयात का स्थानापन्न करने मे सक्षम रहा है, परंतु भारत अब भी रूस, अमेरिका, यूरोप, इसराइल और दक्षिण कोरिया से हथियार के आयात पर निर्भर है ।
रिपोर्ट के अनुसार, 2007 – 2011 और 2012 – 16 के बीच भारत ने अपने हथियारों के आयात में 43 प्रतिशत वृद्धि की है और पिछले 4 सालो में भारत की खरीद उसके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों – चीन और पाकिस्तान से काफी अधिक रही है । पिछले 5 सालो में हथियारों के निर्यात में काफी वृद्धि हुई है और ‘शीत युद्ध’ के बाद यह वृद्धि इन 5 सालो मे ही देखी गयी है । इस बढ़ते निर्यात के लिए मध्य पूर्व और एशिया में बढ़ती परेशानिया ज़िम्मेवार हैं।
सऊदी अरब, 2012 -16 में दुनिया में हथियारों का दूसरा सबसे बड़ा आयातक बना। 2007 – 11 के मुकाबले उसके आयात में 212 प्रतिशत वृद्धि हुई है, वहीं क़तर के आयात में 245 प्रतिशत की वृद्धि हुई है ।
रिपोर्ट के अनुसार , 2012 -16 के बीच रूस हथियारों के 23 प्रतिशत वैश्विक निर्यात के लिए ज़िम्मेवार है और इसने अपने 70 प्रतिशत हथियार भारत ,वियतनाम, चीन और अल्जीरिया को बेचे गए हैं । वहीं, 2012 – 2016 के बीच अमेरिका दुनिया में हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक बना और उसके निर्यातों में 2007 -11 के मुकाबले 21 प्रतिशत बढ़ीतरी हुई है । अमेरिका के आधे से ज़्यादा हथियार मध्य-पूर्व में बेचे गए हैं ।