भारत ने बांग्लादेश को दिया आश्वासन- NRC में छूटे लोगों को वापस नहीं भेजेंगे

असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर पर विरोधी स्वरों के बीच मंगलवार को बांग्लादेश के सांसद सैयद नजीबुल बशर मैजवंदारी ने अपने समकक्ष और केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरण रिजीजू से दिल्ली में मुलाकात की. रिजीजू ने उन्हें भरोसा दिलाया की पूरी प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रही है और इसका जो भी नतीजा आए, लेकिन किसी को बांग्लादेश नहीं भेजा जाएगा.

विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर और किरण रिजीजू से मुलाकात में बांग्लादेशी सांसद ने एनआरसी, रोहिंग्या शरणार्थियों, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक क्षेत्रों में द्विपक्षीय हितों के मामलों समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने उन्हें बताया कि यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश और निगरानी में किया जा रहा है.

मुलाकात के बाद सांसद सैयद नजीबुल ने आजतक से बातचीत में बताया कि उन्हें ये आश्वासन दिया गया है कि मोदी सरकार बांग्लादेशी प्रवासियों को भारतीय अर्थव्यवस्था का हिस्सा मानती है और उन्हें वापस नहीं भेजा जाएगा.

बता दें कि 30 जुलाई को असम के नागरिकों की मसौदा सूची जारी की गई, 40 लाख से अधिक लोगों के नाम नहीं आने पर विवाद पैदा हो गया है. इतनी बड़ी संख्या में नागरिक रजिस्टर से छूटे लोगों की जानकारी के बाद बांग्लादेश में इस बात पर चर्चा है कि इन लोगों का क्या होगा. बांग्लादेश सांसद ने आजतक से बातचीत में बताया कि हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि एनआरसी से जो 40 लाख लोग छूटे हैं, उनका क्या  होगा.

सैयद नजीबुल ने बताया कि उन्होंने मीटिंग में अपनी चिंता सामने रखी. नजीबुल के मुताबिक, ‘रिजीजू ने बताया कि उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री मोदी से बात की है और ऐसे लोगों को बांग्लादेश नहीं भेजा जाएगा.’

हालांकि, सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का कहना है कि बांग्लादेश के केवल अवैध प्रवासी हटाए जाएंगे लेकिन विपक्ष का दावा है कि सूची में छूटे ज्यादातर लोग भारतीय नागरिक हैं. इस बीच बांग्लादेशी सांसद का दावा ये है कि मोदी सरकार इस पूरी प्रक्रिया के बाद किसी भी व्यक्ति को बांग्लादेश न भेजने का भरोसा दिलाया है.

इससे पहले आजतक के खास शो ‘सीधी बात’ में गृहराज्य रिजीजू ने कहा था कि जो भारत का नागरिक है, उसको डरने की जरूरत नहीं है. कोई प्रक्रियागत खामिया रही हैं, उनको सुधारा जाएगा.

उन्होंने कहा था, ‘देश में अवैध रूप से आए ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हैं, इसलिए बांग्लादेशी मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की बात की जा रही है. हमारे देश में कागजात के साथ आने वालों का स्वागत है, वीजा के साथ आइए तो ‘अतिथि देवो भव:’ वाली नीति अपनाएंगे. छुपकर रहने वालों को हम कैसे बर्दाश्त कर लें.’

बांग्लादेशी सांसद से मुलाकात में किरण रिजीजू ने मैजवंदारी से ये भी कहा कि म्यामां के राखाइन प्रांत से विस्थापित लाखों लोगों के आने से बांग्लादेश पर भारी बोझ से भारत पूरी तरह अवगत है और वह इस संकट के समाधान की कोशिश में उसके साथ है.