भारत बंद तशद्दुद तोड़फोड़ और आगजनी में तबदील

नई दिल्ली, 20 फरवरी: मुल्क की सभी अहम ट्रेड यूनियनों की तरफ बुलाई गई दो दिन की हड़ताल का बैंक, डाक, फैक्ट्रियों और ट्रांस्पोर्ट पर गहरा असर पड़ा है। राजधानी दिल्‍ली में ऑटो न चलने के वजह मेट्रो में भीड़ बढ़ गई है। हड़ताली मुलाज़्मीन ने अपनी मांगों की ताइद में राजधानी समेत पूरे मुल्क में एहतिजाज किया है।

अंबाला में बस रोकने की कोशिश कर रहे एक ट्रेड यूनियन लीडर की कुचलने से मौत हो गई है। नोएडा में अनासिर ने एक फैक्ट्री में तोड़फोड़ की है और 7 गाड़ियों में आग लगा दी है। कोलकाता और मुंबई में भी पुलिस और एहतिजाजियो के बीच तोड़फोड़ की खबर है।

दो दिन की हड़ताल के वजह से उत्तर प्रदेश में बस से बीमा तक सभी ठप नजर आ रहे हैं। ट्रांस्पोर्ट कारपोरेशन की सात हजार से ज़्यादा बसों का चक्का जाम है। सिटी बसें भी नहीं चल रही है। बिजली मुलाज़्मीन ने हड़ताल की ताइद की है।

हड़ताल में बीमा, बैंक, ट्रांस्पोर्ट, महकमा डाक , सार्वजनिक उपक्रम, असंगठित मजदूर, आंगनबाडी़-मिड डे मील‍जैसी तंज़ीम भी शामिल हैं। हड़ताल के ताइद में राजधानी लखनऊ में मंगल की शाम को मशाल जुलूस भी निकाला गया था।

क्या हैं मांगें

ट्रेड यूनियनों ने दस मांगें सरकार के सामने रखीं हैं, जिनमें से ज्यादातर मांगें महंगाई रोकने, रोजगार पैदा करने, पब्लिक सेक्टर के उपक्रमों में विनिवेश के अमल को रोकने, Labor laws के अमल से मुताल्लिक हैं।

1-महंगाई के लिए जिम्मेदार हुकूमत की पालीसी बदली जाएं।
2-महंगाई को देखते हुए कम से कम मजदूरी बढ़ाई जाए।
3-सरकारी तंज़ीमो में Compassion की बुनियाद आधार पर नौकरी दी जाए।
4-आउटसोर्सिंग की जगह मुस्तकिल बुनियाद पर मुलाज़्मीन की भर्ती हो।
5-सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी निजी कंपनियों को न बेची जाए।
6-बैंकों के इंजेमाम (विलय/Fusion) की पालिसी न लागू की जाए।
7‍ मरकज़ी मुलाज़्मीनोके लिए भी हर 5 साल में तंख्वाह में तरमीम हो।
8-नई पेंशन स्कीम बंद करके पुरानी लागू की जाए।
9-Labor laws में मजदूर मुखालिफ बदलाव की कोशिश न की जाए।