“भारत माता की जय ” नारा बोलने और ना बोलने के बिवाद के बीच हैदराबाद के जामिया निज़मिया ने इस पर फतवा ज़ारी किया है निजामिया का कहना है कि ये नारा बोलना इस्लाम के रिवायत के ख़िलाफ़ है और जामिया के अनुसार नारे को तर्कपूर्ण भी नही कहा जा सकता है .
इससे पहले हैदराबाद के मशहूर मौला सयेद समदानी अली कादरी भी ऐसा ही फतवा दे चुके है है
फतवा के बारे मुफ़्ती अजीमुद्दीन जोकि दारुल इफ्ता के हेड भी है ने कहा कि भारत माता की जयकार करना इस्लाम विरोधी काम है .
उन्होंने ये भी कहा कि इंसान इंसान को पैदा करता है इसलियें भारत को माता कह के संबोधित करना तर्कपूर्ण नहीं है .
फतवे में जो अपनी मर्ज़ी से भारत माता की जयकार का नारा लगाना चाहते है उसको उस इंसान की अपनी मर्ज़ी करार दिया गया है भारत में मज़हबी आजादी है इसलिए किसी को ये नारा बोलने के मजबूर नही किया जा सकता है
मुफ़्ती ने अपने फतवे में आखिर में लिखा है मुस्लिम भारत से मुहब्बत करता है लेकिन भारत माता की जय इस्लाम के ख़िलाफ़ बात है