दिल्ली : संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुध को कहा कि ‘भारत माता की जय’ बोलना फैशन नहीं बल्कि हर भारतीय की लालसा होनी चाहिए। नकवी रियासतों के वक्फ बोर्ड सदरों और अहम् अफसरों के कौमी
कांफ्रेंस को खिताब कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हर भारतीय के डीएनए में राष्ट्रवाद है। लेकिन देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर कोई निराधार बहस हो, यह फिक्र की बात है। उन्होंने कहा कि देशभक्ति किसी मजबूरी का नहीं बल्कि यह मुल्क के साथ मुहब्बत का हिस्सा है। नकवी ने यह भी कहा कि ‘राष्ट्रवाद और सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट बांटने की जरूरत नहीं है।’
उनकी यह तनक़ीद राष्ट्रवादी नारे लगाने को लेकर उपजे तनाजे को देखते हुए आई है। यह तनज़ा तब शुरू हुआ जब संघ के चीफ मोहन भागवत ने इससे पहले इसी माह कहा कि नौजवानों को इसे बार-बार बोलना सिखाया जाना चाहिए। भागवत ने बाद में वाजेह किया था कि किसी को भी यह नारा लगाने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। अपने तक़रीर में नकवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार अक्लियतों समेत समाज के तमाम तबकों की तरक्की के लिए अहद के साथ आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘मुस्लिम तबके की तरक्की हमारा टारगेट है और इस टार्गेट को हासिल करने में कोई भी नगेटिव एजेंडा कामयाब नहीं होगा।’’इस सिलसिले में वक्फ जायदाद की हिफाज़त और तरक्की एक अहम् कदम है। मुल्क भर में 31 रियासत वक्फ बोर्ड हैं और 4 लाख 27 हजार रजिस्टर्ड वक्फ जायदाद हैं। इनके अलावा गैर रजिस्टर्ड जायदाद भी हैं। नकवी ने कहा कि नया वक्फ कानून बनने के बाद भी इसकी जायदाद का इस्तेमाल अक्लियतों के सामाजिक-इक्तेसदी-तालीमी तरक्की में नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि कई वक्फ जायदाद वक्फ माफिया के कब्जे में हैं। इन्हें इनके चंगुल से छुड़ाने के लिए जंगी सतह पर मुहीम छेड़ने की जरूरत है।