भारत में गौमांस की राजनीति परेशानी करने वाली : सिंगापुर के पूर्व मंत्री

सिंगापुर: भारत में गौमांस के उपर हो रही राजनीति से परेशान सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज यीओ ने कहा कि ये भारत के बाहर भी चिंता का कारण बन रही है |

एक वैश्विक संस्था के रूप में फिर से स्थापित किया जा रहे बिहार के नालंदा विश्वविद्यालय के चांसलर यीओ, ने वरिष्ठ पत्रकार रवि वेल्लोर की नई किताब में 61 वर्षीय राजनेता ने बताया कि वह बहुत परेशान हुए जब गोमांस नूडल्स खाने की तस्वीर को फेसबुक पर पोस्ट करने पर उनके एक शुभचिंतक(कांग्रेस के पूर्व मंत्री के बेटे) ने उन्हें वो पोस्ट को हटाने की सलाह दी |

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उन्होंने बताया कि मैंने पत्नी की एक तस्वीर अपलोड की थी जिसमें मैं और वह हार्वर्ड स्क्वायर में फो(वियतनामी गोमांस नूडल्स)खा रहा था | जिस पर “कांग्रेस के पूर्व नेता के बेटे ने कहा कि यह नालंदा
विश्वविद्यालय के नए कुलपति के रूप में मेरी भूमिका के लिए भारत में एक नकारात्मक प्रतिक्रिया हो सकती है।

उन्होंने पिछले हफ़्ते जारी , “इन्डिया राइजिंग: फ्रेश होप्स ,न्यू फीयर्स” के प्राक्कथन में लिखा कि मैं उसकी बात का मतलब अच्छी तरह जानता था, मैंने उसकी सलाह नहीं मानी लेकिन उसकी घबराहट मुझे परेशान किया |

यीओ ने कहा कि सहिष्णुता और भारतीय सभ्यता में विविधता का उत्सव भारत के कम हिंसक तरीकों के लिए एक महत्वपूर्ण कारण है । जब तक यह परंपरा निहित है , तब तक दुनिया के लिए भारत का योगदान सिर्फ राजनीतिक और आर्थिक तुलना में बहुत अधिक हो जाएगा |

वेल्लोर ने कहा कि सारी दुनिया ने देखा कि किस तरह 2002 में एक ट्रेन में आग लग जाने पर सारे गुजरात को जला दिया गया |उन्होंने दावा किया कि गुजरात के नये मुख्यमंत्री ने दंगे शुरू होने के बाद सभी तीन पड़ोसी राज्यों की पुलिस के राज्य में पहुँच जाने के बावुजूद उन्हें मदद करने के लिए मना कर दिया गया |

सिंगापुर अवकाश प्राप्त वरिष्ठ मंत्री गोह चोक तोंग द्वारा जारी किताब में कहा गया कि शुरूआती उठापटक के बाद गुजरात में मोदी के नेतृत्व में सांप्रदायिक शांति की एक लंबी अवधि का आनंद लिया |

हालंकि किताब में भारत को एक उभरते हुए वैश्विक शक्ति के रूप में दिखाया कहा गया है साथ ही कहा गया कि इसके बारे में अन्य देश काफी उत्साहित हैं लेकिन जो भारत के क़रीबी मित्र हैं वो इसके धर्मनिरपेक्ष ढांचे के बारे में चिंतित हैं |

किताब में कहा गया है कि प्रधानमन्त्री मोदी ने देश के अल्पसंख्यकों की आशंका को दूर करने के लिए पर्याप्त तौर पर कुछ नहीं किया है |

वेल्लोर ने इस मामले में दुनिया के अन्य नेताओं के विचारों के बारे में भी बताया है |