नई दिल्ली। इंडियन एसोसिएशन ऑफ़ लॉयर्स के नौवें राष्ट्रीय सम्मलेन के उद्घाटन पर भाषण देते हुए उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने भारत में सामाजिक न्याय की जमीनी हालत पर सवाल उठाते हुए इसे निराशाजनक बताया है। उन्होने मानवअधिकार की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि भारत में हर 18वें मिनट में एक दलित के साथ हिंसा की घटना होती है। जबकि गैर बराबरी के मामले में पूरी दुनिया में भारत 12 वां स्थान रखता है।
शोध संगठन न्यू वर्ल्ड का हवाला देते हुए हामिद अंसारी ने कहा कि देश की तीस फीसदी के पास कुल धन का सिर्फ 1.4 फीसदी हिस्सा ही है। जबकि 45 फीसदी धन करोड़पतियों के पास है।
उप-राष्ट्रपति ने कहा कि 70 साल बाद भी सामाजिक न्याय की जमीनी हालात बैचेन करने वाले हैं। हम बराबरी वाली सीढ़ी पर कहाँ खड़े है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अंसारी ने कहा कि प्रत्येक 18वें मिनट में कोई न कोई दलित प्रताड़ना का शिकार होता है। 28 फीसदी दलितों को पुलिस थानों में घुसने से रोका जाता है जबकि 39 फीसदी सरकारी स्कूलों में दलित बच्चों के बैठने के लिए अलग से व्यवस्था की जाती है। 34 फीसदी गांवों में दलितों के सही पतों पर चिट्ठियां नहीं पहुंचाई जाती हैं।