नई दिल्ली: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज बताया कि इंजीनियरिंग में दोष के कारण भारत में हर रोज सड़क दुर्घटनाओं में 400 की मौत हो रहे हैं और यह स्वीकार किया कि पिछले 2 साल के दौरान ईमानदारी काम और गंभीर प्रयासों के बावजूद कोई विशेष परिवर्तन घटित नहीं हो सका। भारत में सड़क दुर्घटना साल 2015 रिपोर्ट जारी करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें यह जानकर गंभीर तकलीफ होती है कि हर घंटे 57 दुर्घटनाओं में 17 लोगों की मृत्यु स्थित हो रही हैं, और 54 प्रतिशत मृतकों में 15 ता 34 साल आयु समूह के हैं। उन्होंने बताया कि गोकह जनता हमें आलोचना का निशाना बनाएंगे लेकिन मैं यह रिपोर्ट सामने लाने का इरादा कर लिया है। विडंबना यह है कि पिछले दो साल के दौरान जुनून समर्पित काम और गंभीर प्रयासों के पर्याप्त परिणाम भी बरामद नहीं हुए हैं|
हम निराश नहीं हैं लेकिन स्थिति को बदलने के कार्यकाल के लिए प्रतिबद्ध हैं और हम सड़क दुर्घटनाओं में इतना मानव जीवन के अतलाफ पर चुप नहीं रह सकते हैं क्योंकि यह स्थिति दिल्ली संकट और मानसिक आघात का कारण बन गई है। रिपोर्ट की देने के मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए नितिन गडकरी ने सडक दुर्घटनाओं में मौतों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह मृत्यु युद्ध, संक्रामक रोगों और उग्रवाद में भी नहीं होती।
उन्होंने बताया कि मानव जीवन के अतलाफ की कदापि अनुमति नहीं दी जा सकती और पिछले 2 साल में दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समय-समय पर कदम उठाए जा रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री सड़क योजना के क्रियान्वयन और सड़क सुरक्षा के लिए प्रोजेक्ट पर एक प्रतिशत सेस वसूला जा रहा है ताकि 5000 करोड़ रुपये एकत्रित किए जा सकें। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में यह बताया गया है कि वर्ष 2015 में 77 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाओं के लिए ड्राइवरों की लापरवाही जिम्मेदार है और दूसरा महत्वपूर्ण कारण सड़क निर्माण इंजीनियरिंग में दोष हैं।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार को दोषी ठहराते हुए कहा कि यूपीए सरकार ने निर्माण परिव्यय (लागत) में कटौती कर दी है जिसके नतीजे में मुख्य सड़कों से जुड़े ओवर ब्रिजस और अंडर पासीस निर्माण निचले भाग पूरा नहीं पहुंच सकी और कई स्थानों सहित दिल्ली। गुरगाउं राजमार्ग पर आए दिन सड़क दुर्घटनाओं प्रदान आ हैं। उन्होंने इस यक़ीन जताया कि सरकार की योजना के कारण अगले एक साल के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत तक कमी हो जाएगी जिसके अनुसार दैनिक 10 हज़ारें चलने वाली सड़कों को 4 लाईन में परिवर्तन कर दिया जाएगा।