अंबाला / नई दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आज कहा कि भारत ऐसा तवामन के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन वह देश के सत्ता उच्च सुरक्षा के लिए अपनी भरपूर शक्ति उपयोग किया जाएगा और अपनी सशस्त्र सेनाओं का प्रभावी उपयोग करेगा। श्री मुखर्जी जो सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर हैं, वे यहां वायुसेना के अड्डे में एक समारोह के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। राष्ट्रपति ने कहा कि देश के सशस्त्र बलों अपने दायित्वों की पूर्ति में उच्चतम मानकों के साथ काम करने में सक्षम हैं।
उन्होंने इंडियन एयर फोर्स सराहना जो देश की सैन्य शक्ति की पहचान बन चुकी है। राष्ट्रपति ने 501 सगनलस इकाई बमकाम बरनालह और 30 स्क्वाड्रन बमकाम तीज़पोर (असम) आज के समारोह में सम्मानित किया और आई ए एफ इन दोनों इकाइयों को आज्ञा दी कि अपने उच्च मूल्यों और परंपराओं को प्रबल रखें। इस अवसर पर राज्यपाल हरियाणा कप्तान सिंह सूनाकी, मुख्यमंत्री मनोहर लाल खत्री, स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, एयरचीफ मार्शल अरूप राहा और एयर मार्शल एस बी देव व अन्य मौजूद थे।
राष्ट्रपति ने कहा कि 501 सिग्नल यूनिट 30 स्क्वाड्रन ने अत्यधिक भेदभाव और इफ़्तिख़ार के साथ देश और राष्ट्र की जबरदस्त सेवा दी हैं। उनकी निस्वार्थ, अच्छा विश्वास, व्यावसायिकता और सेवाओं के प्रति सच्ची भक्ति के लिए उन्हें व्यक्त और प्रशंसा के साथ आज राष्ट्र उन्हें आगे से सम्मानित कर रही है| प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 501 सिग्नल यूनिट ने आज देश- राष्ट्र की शानदार सेवा के 52 बर स पूर्ण कर लिए हैं। यह इकाई अपनी स्थापना के समय से ही बरनालह स्थित एयर डिफेंस ग्राउंड स्टेशन के रूप में उत्तरी क्षेत्र में हवाई रक्षा जबरदस्त सेवा देती रही है।
501 सिग्नल यूनिट युद्ध और शांति दोनों ज़माने में अपनी सेवाओं अत्यधिक प्रतिबद्धता और सच्ची लगन के साथ अंजाम दी है| प्रणब मुखर्जी ने कहा कि 30 स्क्वाड्रन या ‘रेणु’ का गठन एक नवंबर 1969 को तेज जयपुर में की गई थी। इन दिनों यह इकाई मिग .21 एफ एल विमानों से लैस थी।
मिग 21 उड़ताह या जटिल लड़ाकू विमान सुखोई 30 एम 1 हो, हर दो प्रकार के उड़ान में इस इकाई ने अपनी सेवाओं का शानदार रिकॉर्ड बनाया है। इस इकाईक फसरान, जवानों ने उच्च व्यावसायिकता के साथ ऐसी नि: स्वार्थ सेवा दी हैं जो दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने आशा व्यक्त की कि यह दोनों इकाई भविष्य में भी अपने पेशेवर उत्साह के साथ देश और राष्ट्र की निस्वार्थ सेवा करते रहेंगे।
उन्होंने इस अवसर पर दोनों इकाइयों के वर्तमान और पूर्व सैनिकों और अधिकारियों के परिवारों को उनकी निस्वार्थ बलिदान और देश तथा राष्ट्र के लिए उनकी सच्ची सेवाओं के लिए बधाई दी| 1971 ई। के भारत। पाक युद्ध में उनमें से एक इकाई बलातोकफ निगरानी और लड़ाकू दृष्टिकोण से विशेषज्ञ योग्यता का प्रदर्शन करते हुए अपनी उपयोगिता साबित किया था। जबकि इस इकाई की गतिविधियों पंजाब क्षेत्र के एयर डिफेंस हथियारों से संबंधित रहीं।