भारी ख़सारा सरमाया कारी में रुकावट : वज़ीर-ए-आज़म

नई दिल्ली, ०२ नवंबर । ( पी टी आई ) ये बयान करते हुए कि भारी मालीयाती ख़सारा देसी और बैरूनी सरमाया कारी ( निवेश) के लिए रुकावट के मानिंद है , वज़ीर-ए-आज़म मनमोहन सिंह ने आज कहा कि हुकूमत को इंफ्रास्ट्रक्चर शोबे में लगभग एक टरेलेन अमेरीकी डालर की सरमाया कारी ( निवेश) का निशाना हासिल करने के लिए रुकावटों पर क़ाबू पाना पड़ेगा।

इस हक़ीक़त को मल्हूज़ रखते हुए कि हुकूमत सयासी रुजहान के ख़िलाफ़ काम कर रही है , उन्होंने उमूमी फ़हम-ओ-इदराक के लिए ज़ोर दिया ताकि मुफीद मेकानिज़म तरतीब दीए जा सके और इसे इस्लाही इक़दामात किए जा सके कि इन अहम खामियों को तरजीह असास पर कामयाबी से दूर किया जा सके ।

उन्होंने कहा कि फ्यूल की सरबराही के इंतेज़ामात , सिक्योरिटी और माहोलयाती मंज़ूरियों और फ़ंड की फ़राहमी की मुश्किलात 12 वीं मंसूबा के इंफ्रास्ट्रक्चर सरमाया कारी निशाना को हासिल करने में दरपेश रुकावटें हैं। वज़ीर-ए-आज़म नौ तशकील शूदा मजलिस वुज़रा की यहां पहली मीटिंग में मुख़ातिब थे ।

ये मीटिंग हुकूमत के एजंडे के बारे में मजलिस वुज़रा के साथ तबादला-ए-ख़्याल के ज़िमन में मुनाक़िद की गई । डाक्टर सिंह ने कहा कि ख़ुद मेरी ये राय है कि जहां हमें हमारी तरक़्क़ी के इमकानात के ताल्लुक़ से गैरज़रूरी फ़िक्रमंदी में नहीं पढ़ना चाहीए , वहीं हमें दरपेश चैलेंजों से निमटने और हुक्मरानी के चैलेंज पर खरे उतरने के लिए हमारे अपने अज़म को दो गुना करने की ज़रूरत है ।

उन्हों ने यू पी ए हुकूमत के गुज़श्ता 9 बरसों में कारहाए नुमायां की याददहानी ( याद दिलाना) कराई जो बिलख़सूस समाजी और मआशी पॉलीसी साज़ी के शोबों ( Sectors) में दर्ज हुए । जैसे एम एन आर ए जी ए और आधार नंबर की बड़ी स्कीमात , इसके इलावा ठोस मआशी तरक़्क़ी शामिल है जिस में समाजी शोबे में ख़र्च को बढ़ावा दिया । उन्होंने कहा कि जहां हमें हमारी कामयाबियों को बजा तौर पर फ़ख़र करना चाहीए वहीं ये तस्लीम करना भी अहम है कि हमें अब आलम गैर सतह पर मुश्किल मआशी हालात के असरात भुगतने पड़ रहे हैं ।

इस के नतीजे में हमारी तरक़्क़ी में इन्हितात (कमी) आया , हमारी बरामदात में गिरावट आई और हमारे मालीयाती ख़सारे ( नुकसान) फैल रहे हैं । ख़ास तौर पर मालीयाती ख़सारा तशवीश का बाइस ( सबब / कारण) है जो बहुत भारी हो चला है और देसी-ओ-बैरूनी सरमाया ( पूँजी) के लिए एक मुज़ाहम के तौर पर काम करता है ।

वज़ीर-ए-आज़म ने कहा कि उन मसाइल ( समस्या) का सारी मईशत (जीविका) पर शदीद असर पड़ रहा है और कई महकमाजात ( विभागो) के काम भी मुतास्सिर हुए हैं। उन्होंने कहा कि एक शोबा जो हमारे एजंडा में मुक़द्दम है और जिसे ख़ास तवज्जा दरकार होगी वो इंफ्रास्ट्रक्चर ही है जिस में हुकूमत उद्यम अलनज़ीर तरक़्क़ी हासिल करना चाहती है ।

12 वीं मंसूबा के दौरान हम ने तकरीबन एक टरेलेन डालर की इस शोबे में सरमाया कारी ( निवेश) का निशाना ख़ुद अपने लिए मुक़र्रर कर रखा है । ये काम करने के लिए हमें इन रुकावटों को दूर करना होगा जो मौजूदा तौर पर इस सरमाए ( पूंजी) की आमद को रोक रहे हैं ।

डाक्टर सिंह ने कहा कि हमारा मुल्क ऐसे तमाम निशाना हासिल कर सकता है जो हम अज़म-ओ-इस्तिक़लाल के साथ क़ायम करते हुए उन के हुसूल के लिए संजीदा और पुरअज़म कोशिश करें । उन्होंने सीनियर रफ़क़ा को जूनियर वज़ीरों के लिए काम मुख़तस करने का मश्वरा देते हुए कहा कि अब मजलिस वुज़रा में कई नौजवान और हरकियाती लोग शामिल हो गए हैं जिस का हमें भरपूर फ़ायदा उठाना चाहीए ।