भीड़ हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- लोगों को मारा जा रहा है और किसी को इसकी फिक्र नहीं है

सोशल मीडिया पर अफवाह के कारण भीड़ द्वारा की जा रही हत्या पर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जताई है। साथ ही उसने कहा कि ऐसा लगता है किसी को इसकी चिंता ही नहीं है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और यू यू ललित की पीठ ने सोशल मीडिया पर यौन अपराध के वीडियो को ब्लॉक करने की मांग वाली याचिका पर यह टिप्पणी की। पीठ ने कहा, ‘इन दिनों सोशल मीडिया पर कई तरह की सामग्री आ रही हैं। लोगों को मारा जा रहा है और किसी को इसकी फिक्र नहीं है।’

सुनवाई के दौरान गूगल, याहू इंडिया प्राइवेट लि., माइक्रोसॉफ्ट कॉरपोरेशन इंडिया प्राइवेट लि., फेसबुक आयरलैंड लि. और व्हाट्सएप की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि इस मामले की प्रगति रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया है।

कोर्ट 2015 में तत्कालीन चीफ जस्टिस एचएल दत्तू को हैदराबाद के एक एनजीओ प्रज्वला से एक पत्र और एक पेन ड्राइव में मिले दो रेप के वीडियो पर सुनवाई कर रहा है। अदालत ने इसका स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई से इसकी जांच करने को कहा था।

गौरतलब है कि 17 जुलाई को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली एक अन्य पीठ ने कहा था कि ‘भीड़तंत्र के ऐसे भयानक कृत्य से कानून को कुचलने की इजाजत नहीं दी जा सकती।’ साथ ही पीठ ने संसद को मॉब लिंचिंग और गौरक्षकों के नाम पर हिंसा करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कड़े कानून बनाने को कहा था।