दिल्ली उच्च न्यायालय ने भीमा-कोरेगांव मामले (Bhima-Koregaon case) के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच कार्यकर्ताओं में शामिल गौतम नवलखा (Gautam Navlakha) को नजरबंदी से मुक्त करने की सोमवार को इजाजत दे दी. हाईकोर्ट ने नवलखा को राहत देते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले हफ्ते उन्हें आगे के उपायों के लिए चार हफ्तों के अंदर उपयुक्त अदालत का रुख करने की छूट दी थी, जिसका उन्होंने उपयोग किया है. कोर्ट ने निचली अदालत की ट्रांजिट रिमांड के आदेश को भी रद्द कर दिया. मामले को शीर्ष न्यायालय में ले जाए जाने से पहले इस आदेश को चुनौती दी गई थी.
Delhi HC bench observed that the detention is untenable in law&consequently, the house arrest of Gautam Navlakha would come to an end as of now. It also didn't accede to the request of Maha Police Counsel to continue extension of house arrest of Navlakha for at least 2 more days. https://t.co/QGj5w7BzyK
— ANI (@ANI) October 1, 2018
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि नवलखा को 24 घंटे से अधिक हिरासत में रखा गया, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता. गौरतलब है कि नवलखा को दिल्ली में 28 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. अन्य चार कार्यकर्ताओं को देश के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया था. शीर्ष न्यायालय ने 29 सितंबर को पांचों कार्यकर्ताओं को फौरन रिहा करने की एक याचिका खारिज करते हुए कहा था कि महज असमति वाले विचारों या राजनीतिक विचारधारा में अंतर को लेकर गिरफ्तार किए जाने का यह मामला नहीं है. इन कार्यकर्ताओं को भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. पांचों मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर देशभर में विपक्षी दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी. विपक्षी पार्टी के नेताओं ने इसे जान-बूझकर की गई कार्रवाई बताया था.