( पी टी आई ) पाकिस्तान की बरसर-ए-इक़तिदार जमात पी पी पी के सरबराह बिलावल भुट्टु ज़रदारी ने सुप्रीम कोर्ट पर शदीद तन्क़ीद करते हुए इस से कहा है कि जुलफीक़ार अली भुट्टू के अदालती क़त्ल में वो अपने रोल के लिए माफ़ी मांगे और यक़ीनी बनाए कि वज़ीर-एआज़म (प्रधान मंत्री) यूसुफ़ रज़ा गीलानी के ख़िलाफ़ तहक़ीर अदालत केस में कोई दोहरे मेयारात नहीं होंगे ।
23 साला बिलावल ने जो पी पी पी के अलामती सदर नशीन हैं , ये रिमार्कस अपनी सख़्त अल्फ़ाज़ पर मबनी(वीचित्र शब्दोंपरनिर्भर) अंग्रेज़ी तक़रीर(भाषण) के दौरान किए जो उन्हों ने भुट्टु फैमिली के ताक़तवर गढ़ नौडेरू (सूबा-ए-सिंध ) में साबिक़ (पुर्व) सदर पार्टी ज़ुल्फीक़ार अली भुट्टू की बरसी(श्रंधाजली) के मौक़ा पर कल रात देर गए मुनाक़िदा एकज़ेक्टीव कमेटी मीटिंग में की ।
उन्हों ने कहा कि पी पी पी के लिए वक़्त आचुका है कि आख़िरकार वो इंसाफ़ हासिल कर लिया जाये जिस के हम तारीख की निगाहों में मुस्तहिक़ हैं । उन्हों ने मरहूम सदर को दी गई सज़ाए मौत का मुराफ़ा चाहते हुए पी पी पी के दाख़िल करदा एक केस का हवाला देते हुए कहा : मुझे एतिमाद है सुप्रीम कोर्ट राह में हाइल नहीं होगा । मुझे तवक़्क़ो है सुप्रीम कोर्ट आख़िर कार हमारे साथ इंसाफ़ करेगा । अवाम , पी पी पी और शहीद भुट्टू की फैमिली की नज़रों में इंसाफ़ यही है कि सुप्रीम कोर्ट इस रोल के लिए माज़रत ख़्वाही करे जो इस ने शहीद ज़ुल्फीक़ार अली भुट्टू के अदालती क़त्ल में अदा किया ।
बिलावल ने वज़ीर-ए-आज़म गीलानी के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट के शुरू करदा तौहीन अदालत केस का भी तबसरा किया जबकि वज़ीर-ए-आज़म सदर आसिफ़ अली ज़रदारी के ख़िलाफ़ रिश्वत के मुक़द्दमात दुबारा खोलने के लिए अदालती अहकाम पर कार्रवाई करने में नाकाम हुए।
बिलावल ने कहा कि उन्हें उम्मीद है फ़ाज़िल अदालत की जानिब से इस तरह के मुआमलों से निमटने में दोहरे मेयारात नहीं होंगे । उन्हों ने वज़ीर-ए-आज़म के फैसले की हिमायत की कि ज़रदारी के ख़िलाफ़ मुबैयना गैरकानूनी रुकमी मुआमलत के केसों का एहया करने के लिए सोईस हुक्काम से उन बुनियादों पर रुजू ना किया जाये कि इस से सदर को हासिल दस्तूरी इस्तिस्ना की ख़िलाफ़ वरज़ी होगी