जो जहां था, वहीं से बाहर भागा पहले किसी को लगा कि उन्हें लो ब्लड प्रेशर का चक्कर सुबह-सुबह ही क्यों आ गया। किसी को शुगर बढ़ जाने की फिक्र हो गई, कोई दफ्तर में हिलती अपनी मेज संभालता कि गली-मुहल्ले, स्कूल-कॉलेज और सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में शोर मचा, भागो-भागो जलजला आया। इसके बाद दहशत की चादर ताने हर कोई भागता ही तो दिखा। रिम्स के डॉक्टर्स हों, या सेंट जेवियर्स के स्टूडेंट्स, नगर निगम के कमिश्नर हों या कोई मुलाज़िम हर कोई अपने-अपने दफ्तर से बाहर आ गया। वहीं फौरन ही घरों पर फोन कर अपनों का हाल जानने को बेचैन रहा। इस तरह सनीचर की सुबह रांची में आए भूकंप के 16 झटकों के दौरान खौफ की दीगर हालत लोगों के चेहरों पर आती-जाती रहीं।
इससे पहले ज्यादातर लोग समझ ही नहीं पाए कि जलजला आया है, पर जब हरकत जारी रहा तो चिल्ला-चिल्ला कर एक-दूसरे को जलजला की इत्तिला दी। शहर में दोपहर 11.41 बजे के बाद पंद्रह मिनट के अंदर जलजले के दो झटके महसूस किए गए। इसके बाद लोगों में दहशत का माहौल कायम हो गया। कई जगह शोर-गुल और धक्का-मुक्की हुई पर किसी के हताहत होने की इत्तिला नहीं है।
जलजला के झटके के बाद लोगों ने अपने अपने अहले खाना को फोन करना शुरू किया। सब अपनों की खैरियत जानने में लग गए। अचानक ढेर सारे कॉल की वजह से थोड़ी देर के लिए टेलीफोन लाइन भी डिस्टर्ब रही। बिहार में जलजला का असर ज़्यादा देर तक रहा इसलिए लोग वहां रहने वाले रिशतेदारों से भी बातचीत करने में लगे रहे।
मरीजों को छोड़ भागे डॉक्टर व अहले खाना
जलजला का पहला झटका शुरू होते ही रिम्स के डॉक्टर और मरीजों के अहले खाना भी बाहर की ओर दौड़े। ऊपरी तल में सबसे ज़्यादा झटके महसूस हुए इसलिए सबसे पहले गायनी वार्ड के डॉक्टर नीचे की तरफ दौड़े। पहले फ्लोर के ओपीडी में डॉक्टर के इंतजार में बैठे मरीज तेजी से दौड़कर नीचे की तरफ भागे तो गार्ड ने लड़ाई समझ कर रेट अलर्ट जारी कर दिया। जब सब ऊपर की तरफ दौड़े तब समझ में आया कि भूकंप की वजह से भगदड़ मची है। रिम्स ऑडिटोरियम में चल रहे प्रोग्राम में जलजला के झटकों के बाद सारे डॉक्टर दौड़कर बाहर निकले। प्रोजेक्टर गिरने की अफवाह भी उड़ी। आधे घंटे तक कोई अंदर नहीं गया कि कहीं दुबारा झटका ना आ जाए।
कलेक्ट्रेट में मचा हड़कंप चीखने-चिल्लाने लगे लोग
कलेक्ट्रेट के दोनों इमारतों में जलजला के झटके महसूस करने के बाद हड़कंप मच गया। ऊपरी फ्लोर पर वाकेय दफ्तरों में काम कर रहे मुलाज़िम ने जैसे ही झटके महसूस किए, साथियों के साथ नीचे की तरफ भागे। वे भागो-भागो चिल्ला रहे थे। यह सुनते ही नीचे के फ्लोर पर वाकेय मुलाज़िम बाहर निकले और उनके पीछे हो लिए। वहीं, बी-ब्लॉक के मुलाज़िम गेट के सामने जमा हो गए थे। डीपीआरओ दफ्तर की तितो ने बताया कि वे कुरसी पर बैठी थीं। अचानक कुरसी हिली। कुछ समझती, तब तक हल्ला सुनाई देने लगा।
सनीचर को आए जलजला ने पूरे शहर को हिला दिया। शहर के तकरीबन तमाम हिस्सों में रहने वालों ने जलजले के झटके महसूस किए। अनहोनी की खदशा से जो जहां था, वहीं से बाहर भागा। इस दौरान लोगों के रोंगटे खड़े हो गए। जैसे ही वे पहले वाले झटके से उबरते, तब तक फिर झटका आया। लोग घरों, इमारतों से निकल कर सड़क पर आ गए। प्रभावती अस्पताल के प्रिंसिपल डायरेक्टर डॉ. मनोज द्विवेदी ने बताया कि जब जलजला आया, उस वक्त वे अस्पताल के पांचवें फ्लोर पर वाकेय आईसीयू में थे। मरीज की जांच कर रहे थे, तभी झटका लगा। सामने पड़े मरीज को करीब एक मिनट तक हिलते देखा। लेकिन, वहां से निकलना मुश्किल था। क्योंकि मरीज को छोड़कर निकलना मुमकिन नहीं था। केरलि स्कूल के पांचवीं क्लास के तालिबे इल्म ने बताया कि जब जलजला आया, उस वक्त मैडम इंग्लिश की क्लास ले रही थीं। हमलोगों ने बेंच को हिलते देखा। मैडम बाहर निकली, तो देखा कि तमाम टीचर बाहर निकल कर खड़े हैं। इस दौरान स्मार्ट क्लास के लिए लगा प्रोजेक्टर भी काफी देर तक हिलता रहा। साइट फाइव, सेक्टर टू की गायत्री देवी कहती हैं कि वह बेड पर बैठी थीं, उस दौरान बेड हिलने लगा। संत थॉमस स्कूल की टीचर अंजू ने कहा कि वह कपड़ा धो रही थीं। इस दौरान झटका महसूस किया।