भूक हड़ताल ख़तम करनी, के वेंकट रेड्डी से अपील

हैदराबाद /6 नवंबर (सियासत न्यूज़) सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मिस्टर बी सत्य ना रावना ने पाँच दिन से ग़ैर मुअय्यना मुद्दत की भूक हड़ताल करने वाले कांग्रेस के रुकन असैंबली मिस्टर के वेंकट रेड्डी से नासाज़ी सेहत के बाइस हड़ताल से दस्तबरदार होजाने की अपील की और किसानों से माज़रत ख़्वाही के बाद ही किसानों के दरमयान पहुंचने का क़ाइद अप्पोज़ीशन मिस्टर एन चंद्रा बाबू नायडू को मश्वरा दिया।

आज गांधी भवन में प्रैस कान्फ़्रैंस से ख़िताब करते हुए मिस्टर बी सत्य ना रावना ने कहा कि तलंगाना के मसला पर मर्कज़ और पार्टी हाईकमान संजीदगी से ग़ौर कर रही है। कल पार्टी के तर्जुमान मिस्टर अभीशक सिंघवी ने भी जल्द अज़ जल्द तलंगाना मसला पर फ़ैसला होने का दावा किया है।

साबिक़ वज़ीर और कांग्रेस के रुकन असैंबली मिस्टर के वेंकट रेड्डी गुज़श्ता पाँच दिन से तलंगाना की ताईद में ग़ैर मुअय्यना मुद्दत की भूक हड़ताल कर रहे हैं, उन की बिगड़ती हुई सेहत पर डॉक्टर्स ने भी तशवीश ज़ाहिर की है, लिहाज़ा उन्हें भूक हड़ताल से दस्तबरदार होजाना चाआई।

सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कहा कि अपनी सयासी बक़ा के लिए चंद्रा बाबू नायडू किसानों के मसाइल पर मगरमच्छ के आँसू बहा रहे हैं, लेकिन किसान और रियासत के ग़रीब अवाम उन्हें हरगिज़ माफ़ नहीं करेंगी, क्योंकि तलगो देशम दौर-ए-हकूमत में चंद्रा बाबू नायडू ने ज़राअत को बेफ़ैज़ क़रार दिया था। रियासत में आफ़ात समावी के मौक़ा पर इमदाद के लिए चंद्रा बाबू नायडू ने कभी मर्कज़ से नुमाइंदगी नहीं की और क़र्ज़ तो क़र्ज़, किसानों के क़र्ज़ का कभी सूद भी माफ़ नहीं किया।

बर्क़ी बकाया जात अदा ना करने वालों को जेल भेज दिया, जब कि कांग्रेस हुकूमत ने किसानों के 12 हज़ार करोड़ रुपय के क़र्ज़ और सूद दोनों माफ़ कर दिये। आज मुफ़्त बर्क़ी और सब्सीडी पर खाद वग़ैरा सरबराह की जा रही हैं। उन्हों ने कहा कि मिस्टर नायडू ने मेरी (बी सत्य ना रावना की) वजह से वो लुक्स वयागन कंपनी आंधरा प्रदेश में क़ायम ना होने का दावा किया था और इस मसला पर सी बी आई के ज़रीया तहक़ीक़ात का मुतालिबा किया था, मगर इस मुआमले में सी बी आई ने मुझे क्लीनचिट दे दी।

मैंने दो एकड़ अराज़ी के साथ सियासत में क़दम नहीं रखा। चीफ़ मिनिस्टर एन किरण कुमार रेड्डी ने भी ज़राअत करने वाले अवाम को मुतबादिल काम तलाश करने का मश्वरा दिया है के सवाल पर मिस्टर बी सत्य ना रावना ने वज़ाहत करते हुए कहा कि चीफ़ मिनिस्टर ने ज़राअत को तर्क करने का मश्वरा नहीं दिया, बल्कि एक घर के तमाम अफ़राद को ज़राअत से वाबस्ता होने की बजाय कुछ लोगों को तालीम हासिल करने और दीगर काम करने का मश्वरा दिया है।