भोपाल एनकाउंटर: गोलीयां दोनों तरफ़ से चली तो तीन पुलिस वाले चाकू से जख्मी कैसे?

नई दिल्ली। ये शायद अब तक का पहला ऐसा एनकाउंटर होगा जिसमें पुलिस और सिमी सदस्यों दोनों तरफ सो गोलियां चलीं लेकिन तीन पुलिसवाले जख्मी चाकू से हुए। भोपाल सेंट्रल जेल से भागे सिमी के आठ सदस्यों के एनकाउंटर से पहले और एनकाउंटर के बाद की कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आ गईं हैं जो सवाल खड़े कर ही हैं।

एनकाउंटर से सिर्फ 15 मिनट पहले की तस्वीरों में ईंटखेड़ी की पहाड़ी पर खड़े पहले पांच और फिर छह वही आतंकवादी नजर आए जो भोपाल सेंट्रल जेल से भागे थे। पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर इन सभी को चारों तरफ से घेर लिया। पहाड़ी पर दूर खड़े सारे सिमी सदस्य बेहद इत्मीनान से खाली हाथ खड़े थे। उनके पास कोई हथियार नहीं थे। पुलिस को देखकर भी वो भाग नहीं बल्कि वहीं रहे। फिर 15 मिनट बाद आठों को ढेर कर दिया गया।

अब सवाल ये है कि जेल से भागे आठ सिमी सदस्य एनकाउंटर में मारे गए। फिर जेल से बाहर निकलते ही अगले आठ घंटे के दौरान उनके पास हथियार कहां से आ गए? क्या हथियारों का इंतजाम उन्होंने पहले से कर रखा था? हथियार वो जेल से ही लेकर आए थे? क्योंकि अगर जेल में ही उनके पास हथियार होते तो वो हेड कांस्टेबल का गला काटने के लिए स्टील की प्लेट या गिलास काटकर धारधार हथियार नहीं बनाते। यानी साफ है कि अगर उनके पास हथियार था तो वो उन्हें जेल के बाहर मिला। लेकिन हथियार उन्हें जेल से बाहर आते ही किसने दिया?

ईंटखेड़ी में जिस पहाड़ी के करीब ये एनकाउंटर हुआ वहां से आगे कोई रास्ता ही नहीं जाता। यहां से सिर्फ आप कूदकर ही नीचे जा सकते हैं और पहाड़ी से कूदने का मतलब सीधे मौत है। अब सवाल ये है कि जेल से भगने के बाद शहर छोड़ने की बजाए आठों सिमी के सदस्य एक डेड एंड जगह पर रुककर पुलिस का इंतजार क्यों कर रहे थे?

बैन संगठन सिमी यानी स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया की छात्र इकाई से जुड़े यही वो आठों सदस्य हैं जो पुलिस एनकाउंटर में मारे गए। इन आठों पर देश के कई शहरों में बम धमाकों और दूसरे संगीन इल्जाम थे। मामला अभी अदालत में चल रहा है। लिहाजा आठों अंडरट्रायल यानी विचाराधीन कैदी के तौर पर हाई सिक्यूरिटी वाली भोपाल सेंट्रल जेल में बंद थे। जेल के अंदर आठों एक साथ नहीं थे। बल्कि इन्हें अलग-अलग बैरकों में रखा गया था। जेल प्रशासन के मुताबिक ये आठों दीवाली वाली रात करीब 12 बजे से दो बजे के दरम्यान जेल से भागने।

जेल प्रशासन का कहना है कि आठों ने जेल से भागने के लिए जेल की बीस फीट ऊंची दीवार को कंबल और चादर की रस्सी बना कर पार किया। भागने के दौरान उन्होंने एक हेड कांस्टेबल की गला रेत क हत्या कर दी। सवाल ये कि बीस फीट ऊंची दीवार को कंबल और चादर की रस्सी बनाकर दूसरे सिरे पर उसे कैसे अटकाया होगा।