भोपाल गैस सानिहा को हालाँकि 29 साल का तवील अर्सा गुज़र चुका है लेकिन आज भी वहां मुतास्सिरीन के साथ इंसाफ़ नहीं हुआ है।
29 वीं बरसी के मौक़ा पर भी एहितजाजी मुज़ाहिरों और इजलास का सिलसिला जारी रहा। भोपाल गैस सानिहा को दुनिया के बदतरीन सनअती हादिसात में शुमार किया जाता है, जहां 1984 में 2 और 3 दिसम्बर की दरमयानी शब में यूनियन कारबाईड प्लांट से मेथायल आयसूक्यानेट गैस का इख़राज हुआ था जिस में 15000 अफ़राद हलाक होगए थे और ज़ख़मी होने वालों की तादाद 5 लाख से भी पार कर गई थी।
इस मौके पर यादगार शाहजहानी पार्क में एक इजलास से भोपाल पीड़ित महिला उद्योग संघटन ने कहा कि गैस मुतास्सिरीन को आजलाना मुआवज़ो़ की अदायगी केलिए सुप्रीम कोर्ट में दर्ख़ास्त दाख़िल की जाएगी। संघटन के कन्वीनर अबदुलजब्बार ने कहा कि संगठन मुआवज़ा के हुसूल केलिए नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल से भी रुजू होगी।